Life Style : हीट स्ट्रोक हुआ है या फिर फूड पॉइजनिंग? जानिए इन लक्षणों के पहचान

Update: 2024-06-25 12:12 GMT
Life Style :  इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है। ऐसे में, हीट स्ट्रोक Heat Stroke का जोखिम सबसे ज्यादा रहता है। दिनोंदिन बढ़ रहे तापमान के कारण शरीर को कई दिक्कतों से जूझना पड़ता है। यही नहीं, इस मौसम में फूड पॉइजनिंग की खतरा भी ज्यादा रहता है, लेकिन अक्सर लोग इसके लक्षणों को हीट स्ट्रोक की समस्या मान लेते हैं। अगर आप भी हीट स्ट्रोक और फूड पॉइजनिंग के लक्षणों के बीच का फर्क नहीं समझ पाते हैं, तो यह आर्टिकल आप ही के लिए है। ऐसे पहचानें दोनों के बीच का फर्क?
हीट स्ट्रोक की चपेट में आने पर आपका बॉडी टेंपरेचर 103°F/39.4°C से ऊपर पहुंच जाता है, लेकिन फूड पॉइजनिंग होने पर इस शरीर के तापमान में बढ़ोतरी देखने को नहीं मिलती है।
इसके अलावा हीट स्ट्रोक होने पर शरीर में कंपन, दिल की धड़कन का बढ़ना, बेहोशी और कमजोरी Fainting and weakness का सामना करना पड़ सकता है, वहीं दूसरी तरफ फूड पॉइजनिंग का शिकार होने पर उल्टी और दस्त की समस्या देखने को मिलती है। साथ ही, जी मचलाना, पेट दर्द, ऐंठन और सीने में जलन की शिकायत भी हो सकती है।
दोनों ही स्थिति में शरीर में पानी की कमी हो जाती है, ऐसे में बार-बार गला और होंठ सूखने की समस्या भी देखी जा सकती है। फूड पॉइजनिंग में कभी-कभी बुखार हो सकता है, लेकिन हीट स्ट्रोक में होने वाला तेज बुखार इससे काफी अलग होता है।
कैसे करें बचाव? How to protect yourself?
हीट स्ट्रोक हो या फिर फूड पॉइजनिंग Food Poisoning की समस्या, अगर बचाव चाहते हैं, तो दोनों के खतरे को समझना काफी ज्यादा जरूरी है। गर्मियों के मौसम में इन दोनों समस्याओं का सबसे ज्यादा खतरा बच्चों और बुजुर्गों को होता है। इसके अलावा अगर आप सांस से जुड़ी समस्याओं या फिर हार्ट, लिवर या गुर्दे की बीमारी से पीड़ित हैं, तो हीट स्ट्रोक और फूड पॉइजनिंग जानलेवा भी साबित हो सकती है।
ऐसे में, हर उम्र के लोगों को जितना हो सके, भरी दोपहरी यानी तेज धूप में घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए। इसके अलावा डाइट में मसालेदार और तले-भुने फूड्स से परहेज करके ज्यादा से ज्यादा पानी से भरपूर चीजों को खानपान का हिस्सा बनाना चाहिए।
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