अगर आपकी बेटी पढ़ाई या नौकरी के लिए घर से बाहर जा रही है तो उसे कैसे समझाकर भेजे
लाइफस्टाइल: जिन माता पिता की बेटियां होती हैं, वह हमेशा अपनी बच्ची के भविष्य को लेकर चिंतित रहते हैं। एक दौर में माता पिता बेटियों की शादी को लेकर चिंता करते थे, लेकिन आज के अभिभावक बेटी की शिक्षा, सुरक्षा से लेकर उसके आत्मनिर्भर बनने के लिए चिंतित रहते हैं। माता पिता चाहते हैं कि बेटी समाज में सुरक्षित वातावरण के बीच रहे। आत्मनिर्भर बनाने के लिए माता पिता बेटियों को उच्च शिक्षा दिलाना चाहते हैं लेकिन पढ़ाई के लिए स्कूल-कॉलेज भेजने से लेकर नौकरी के लिए घर से बाहर दूसरे शहर में भेजने तक उन्हें हमेशा बेटियों की फिक्र रहती है। बेटी जब तक कॉलेज या दफ्तर से लौट नहीं आती, माता पिता उसकी राह देखते रहते हैं। थोड़ी देर हो जाने पर परेशान हो जाते हैं। इसका कारण आजकल महिलाओं के खिलाफ बढ़ने वाले अपराध भी हैं। हालांकि समाज को सुधारने के लिए माता पिता कुछ कर पाएं या नहीं, लेकिन बेटी को कुछ बातें सिखाकर माता पिता उसे समाज में सुरक्षित जीवन जीने की सीख दे सकते हैं। आइए जानते हैं कि अगर आपकी बेटी पढ़ाई या नौकरी के लिए घर से बाहर जा रही है तो उसे क्या सीख देनी चाहिए। माता पिता हमेशा बच्चों के साथ नहीं रह सकते हैं। ऐसे में बेटी को पहला ज्ञान दें कि वह खुद की देखभाल करना सीखे। उन्हें बताएं कि कैसे खुद का ख्याल रखना है, समाज में रहने का तरीका क्या है? खुद के लिए कैसे जीना है। ताकि वह भविष्य के लिए तैयार रहे।
बेटी पढ़ाई या नौकरी के लिए शहर से बाहर जा रही है या घर से दूर है, तो उसे खुद तय करना होगा कि क्या करना चाहिए और क्या नहीं। इसके लिए फैसले लेने के लिए बेटी को सक्षम होना चाहिए। बचपन से ही बेटी की राय लें और उन्हें अपने जीवन से जुड़े फैसले लेने की स्वतंत्रता दें। उन्हें सिखाएं कि खुद के लिए फैसला लेना चाहिए, ताकि भविष्य में वह किसी पर निर्भर न हों। समाज में लड़कियों के साथ भेदभाव होता था, लेकिन कोशिश करें कि आपकी बेटी उस भेदभाव का सामना न करे। इसके लिए उसे सिखाएं कि उनके हक क्या हैं। बचपन से बेटी को ये सीख दें कि अपने हक के लिए उन्हें आवाज उठानी होगी। बेटी को फैसले लेना सिखाने के साथ ये भी सीख दें कि क्या सही है और क्या गलत है। उन्हें बताएं कि अगर वह कोई फैसला ले रहे हैं तो कैसे तय करें कि आप सही राह पर हैं। सोच-समझ कर ही कदम बढ़ाना चाहिए। जो कुछ करना चाहते हैं, उसके बारे में पहले विचार कर लें।