गर्मी में कम पसीना का आता है तो न करे इग्नोर , एक्सपर्ट ने बताई वजह

Update: 2024-05-27 11:47 GMT

गर्मी में घर से बाहर निकलते ही पसीना आना शुरु हो जाता है. लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें चाहे जितनी मर्जी गर्मी पड़ जाए, उन्हें पसीना बिल्कुल भी नहीं या फिर बहुत कम आता है. इसका असर आपके शरीर पर क्या पड़ता है चलिए जानते हैं इसके बारे में एक्सपर्ट से मई के महीने में ही कई राज्यों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया है. ऐसे में घर से बाहर निकलते ही पसीना आना शुरु हो जाता है. आपने देखा होगा कई लोगों के तो कपड़े पसीने में भीग जाते हैं. वैसे तो पसीने के कारण स्किन में रेडनेस जैसी दिक्कतें हो सकती है. लेकिन ये हमारे लिए फायदेमंद भी होता है. पसीने के जरिए हमारी स्किन से शरीर गंदगी बाहर निकलती है. इसलिए ये भी हमे हेल्दी रखने में मददगार साबित होता है.

लेकिन कई लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें तेज धूप और गर्मी होने या फिर कई देर तक वर्कआउट करने के बावजूद भी पसीना नहीं आता या फिर बहुत कम स्वेटिंग होती है. ज्यादातर लोग इसे नॉर्मल मानते हुए नजरअंदाज कर देते हैं और इसपर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते हैं. लेकिन ये सामान्य नहीं है बल्कि एक समस्या है जो कभी भी गंभीर बन सकती है और हमारी सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकती है तो चलिए जानते हैं एक्सपर्ट इस समस्या के बारे में.

पसीना न आने की स्थिति को क्या कहते हैं?
गर्मी में अगर आपको दूसरे लोगों की तुलना में कम पसीना आता है तो ये अच्छा संकेत नहीं है. इस समस्या को मेडिकल की भाषा में एनहाइड्रोसिस कहते हैं. तेज गर्मी में भी पसीना न आना या बहुत कम आना दोनों ही हेल्थ के लिए अच्छा नहीं है. ये शरीर में हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकता है. अगर तेज धूप और गर्मी या फिर ज्यादा वर्कआउट करने के बाद भी किसी व्यक्ति को पसीना नहीं आता है तो इसके बारे में डॉक्टर से सलाह जरूर करनी चाहिए, ताकि किसी गंभीर समस्या से बचा जा सके.
पसीना न आने के दूसरे कारण
पसीना न आने के पीछे कई वजह हो सकती हैं. जिनमें से एक जेनेटिक कारण भी है या फिर कुछ ऐसी दवाइयां होती है जिसके साइड इफेक्ट से पसीना नहीं आता है. साथ ही नसों में दबाव या डैमेज हो जाने के कारण कम पसीना आता है. चोट या फिर स्किन से जुड़ी किसी तरह की समस्या होने पर भी कम पसीना आना या फिर न आने की समस्या हो सकती है. साथ ही स्वेट ग्लैंड जो पसीना बनाते हैं अगर उनका फंक्शन सही से न हो या फिर कम हो जाए तो ऐसे में भी पसीना कम या बिल्कुल न के बराबर आता है.


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