चाय का ज्यादा सेवन करते हैं तो सावधान हो जाइए, जानिए इसके साइड इफेक्ट

चाय पीने के शौकीन लोगों की कमी नहीं है और एक बार ​किसी को चाय पीने की आदत लग जाए तो उस आदत को लत बनते देर नहीं लगती.

Update: 2021-08-14 05:15 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चाय पीने के शौकीन लोगों की कमी नहीं है और एक बार ​किसी को चाय पीने की आदत लग जाए तो उस आदत को लत बनते देर नहीं लगती. अगर आप भी दूध से बनी चाय पीने का शौक रखते हैं तो आपको चाय से होने वाले नुकसान से जुड़ी कुछ बातें जरूर मालूम होनी चाहिए.

निकोटीन या कैफीन से लेने से पेट में एसिड बनता है. ऐसे में अगर आप चाय के आदी हैं तो आपके पेट में गैस और एसिडिटी की समस्या होने लगती है और पाचन क्रिया धीमी हो जाती है. पाचन प्रक्रिया धीमी होने से पूरा पाचन तंत्र गड़बड़ा जाता है और हमारे पूरे शरीर में तमाम समस्याएं परेशान करने लगती हैं. खाली पेट चाय पीने से तो ये समस्या कहीं ज्यादा बढ़ जाती है और ​कई बार मितली और बेचैनी जैसी महसूस होती है.
चाय पीने से आपके शरीर को कैफीन की वजह से इंस्टेंट एनर्जी मिल जाती है. लेकिन ये एनर्जी जितनी तेजी से शरीर में आती है, उतनी तेजी से चली भी जाती है. ऐसे में कामकाजी लोग तो थोड़ी थोड़ी देर में चाय पीते हैं. इससे शरीर में निकोटीन और कैफीन की मात्रा ज्यादा हो जाती है और ऐसे में रात की नींद प्रभावित होती है. नींद पूरी न होने से शरीर में थकान, गुस्सा, ​इरिटेशन और तनाव आदि समस्याएं होती हैं.
आपको जानकर हैरानी होगी कि आजकल लोगों में जोड़ों के दर्द की समस्या बढ़ी है, उसकी एक वजह ज्यादा चाय पीना भी है. ज्यादा चाय पीने से हड्डियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और ये आपके शरीर को अंदर से खोखला बनाती है. इसकी वजह से समय से पहले ही जोड़ों में दर्द की समस्या होने लगती है.
ज्यादातर लोग स्ट्रॉन्ग और गर्म चाय पीना पसंद करते हैं. लेकिन गर्म चाय पीने से पेट की अंदरूनी सतह पर चोट लग जाती है. यदि ये आदत समय रहते नहीं छोड़ी गई तो यही चोट आगे चलकर अल्सर का रूप ले लेती है.
कई लोग भूख लगने पर खाली पेट चाय पी लेते हैं और भूख को दबा लेते हैं. इस ​तर​ह खाली पेट चाय पीने से कई बार दिल की धड़कन तेज होने की समस्या होती है क्योंकि चाय में मौजूद कैफीन बहुत तेजी से शरीर में घुलता है. इसकी वजह से ब्लड प्रेशर भी तेजी से प्रभावित होता है. ये स्थिति आपके हार्ट की सेहत के लिए ठीक नहीं. इसकी वजह से हार्ट ​संबन्धी समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है.


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