यह तो हम सभी जानते हैं कि अच्छी सेहत ही व्यक्ति का वास्तविक धन है। यही कारण है कि अब लोग अपनी सेहत पर अधिक ध्यान देने लगे हैं। स्वस्थ रहने के लिए योगाभ्यास करना काफी अच्छा माना जाता है। जो लोग नियमित रूप से योगाभ्यास करते हैं, उन्हें शारीरिक व मानसिक दोनों तरह से लाभ मिलता है। इतना ही नहीं, लोग अपनी उम्र व स्वास्थ्य समस्या को ध्यान में रखकर योगासन करते हैं। जब आप योगाभ्यास करते हैं तो ऐसे में शुरुआत में आसान योगासन करने की सलाह दी जाती है।
धीरे-धीरे जब व्यक्ति अभ्यस्त होने लगता है और उसके शरीर का संतुलन बनने लगता है। साथ ही साथ, फ्लेक्सिबिलिटी भी बेहतर होती है तब अलग-अलग योगासनों का अभ्यास किया जा सकता है। हालांकि, कुछ लोग प्रारंभ में ही कठिन योगासनों का अभ्यास करना शुरू कर देते हैं, जिससे उन्हें चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है। तो चलिए आज इस लेख में ब्लॉसम योगा के फाउंडर और योगविशेषज्ञ जितेन्द्र कौशिक आपको ऐसे ही योगासनों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें एक बिगनर को करने से बचना चाहिए-
शीर्षासन
अगर आप एक बिगनर हैं तो आपको एकदम से शीर्षासन का अभ्यास करने से बचना चाहिए। बेहतर होगा कि आप इससे पहले कुछ शुरुआती आसन करें। इसके बाद ही शीर्षासन का अभ्यास करें। ध्यान रखें कि इस आसन को हमेशा ही किसी योग विशेषज्ञ की देख-रेख में करें। अगर आप इसे खुद से करना शुरू करते हैं तो इससे गर्दन में झटका आ सकता है और आपको चोट लग सकती है।
जो लोग बिगनर हैं, उन्हें सुप्त वज्रासन का अभ्यास करने से भी बचना चाहिए। इसमें पद्मासन में बैठकर पीछे की ओर झुका जाता है। चूंकि इसमें एक्यूट बेडिंग की जाती है, इसलिए जब आप सीधे इसे करते हैं तो इससे कमर में झटका आ सकता है। हमेशा ध्यान रखें कि आप इसका अभ्यास करने से पहले वार्म अप जरूर करें। जब तक आप योगाभ्यास करने के अभ्यस्त नहीं हो जाते हैं, तब तक आपको सुप्त वज्रासन करने से बचना चाहिए।(सूर्य नमस्कार क्यों करना चाहिए? )
अगर आप इस आसन का अभ्यास करना चाहते हैं तो ऐसे में आपको पहले योग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए और उनकी देख-रेख में ही इसका अभ्यास करना चाहिए।
चक्रासन
चक्रासन में भी एक्यूट बेडिंग की जाती है और इसमें पूरी बॉडी स्ट्रेच हो जाती है। इसलिए, यह आसन केवल उन्हीं के लिए सही माना जाता है, जिनकी बॉडी बहुत अधिक फ्लेक्सिबल होती है। एक बिगनर की बॉडी बहुत अधिक फ्लेक्सिबल नहीं होती है। अगर आपकी बॉडी फ्लेक्सिबल है, लेकिन फिर भी आपकी बांहों में स्ट्रेन्थ नहीं है तो ऐसे में भी बॉडी को बैलेंस करना काफी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में व्यक्ति को योगाभ्यास करते हुए चोट लगने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
हनुमानासन
हनुमानासन देखने में आसान लगता है और इसलिए बिगनर इसे करने लग जाते हैं। लेकिन इसमें दोनों पैर स्पिल्ट हो जाते हैं। ऐसे में जिनके पैर बहुत अधिक फ्लेक्सिबल नहीं है, उनके पैरों की मसल्स पर बहुत अधिक असर पड़ता है। इसलिए, एक बिगनर को हनुमानासन का अभ्यास करने से बचना चाहिए।
तो अब अगर आप भी बिगनर हैं तो ऐसे में आपको इन योगासनों को अवॉयड ही करना चाहिए। अगर आप इन्हें करते भी हैं तो योग विशेषज्ञ की देख-रेख में ही करें।
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