अगर आपको भी रहती हैं एसिडिटी की समस्या, अपनी दिनचर्या में लाएं ये बदलाव

Update: 2024-04-22 06:55 GMT
आपकी सेहत पूरी तरह से आपकी दिनचर्या से जुडी होती हैं। व्यवस्थित दिनचर्या आपको सेहतमंद बनाती हैं और अव्यवस्थित दिनचर्या बीमारियों का कारण बनती हैं। अक्सर देखने को मिलता हैं कि खाना खाने के बाद कई लोगों को एसिडिटी की समस्या होने लगती हैं जिसमें आपको खट्टी डकार, पेट फूलना और सूखी खांसी आने लगती हैं। इसका सीधा संबंध पाचन तंत्र से होता है। जब पेट में एसिड का उत्सर्जन अधिक होने लगती है, तो एसिडिटी की समस्या होती है। अगर आप भी इस समस्या का सामना कर रहे हैं तो आपको अपनी दिनचर्या में बदलाव लाने की जरूरत हैं। जी हां, दिनचर्या में बदलाव लाते हुए आपको ऐसी आदतें अपनाने की जरूरत हैं जो शरीर को फायदा पहुंचाने का काम करें। आज इस कड़ी में हम आपको इसी से जुड़ी जानकारी देने जा रहे हैं।
दिनभर बैठकर काम न करें
अगर आप ऑफिस में पूरे दिन बैठे-बैठे काम करते हैं, तो आपको एसिडिटी की समस्या हो सकती है। एसिडिटी से परेशान रहते हैं, तो हर घंटे कम से कम 5 से 10 मिनट के लिए वॉक करें। इसके अलावा खाने के बाद तुरंत बैठने से बचें। आपको कुछ देर टहलना चाहिए।
तनाव मुक्त रहें
एसिडिटी से तनाव का संबंध? जी हां आपको यह सुनने में जरूर अटपटा सा लग रहा होगा। लेकिन आपको बता दें तनाव से ना केवल आपके वजन में भी तेजी से वृद्धि होती है बल्कि इससे एसिडिटी की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। यदि आपको एसिडिटी से दूर रहना है तो तनाव ना लें। एक अध्ययन के मुताबिक तनाव से एसिडिटी का गहरा संबंध है। तनाव का होना बार बार एसिडिटी को दावत देता है, जिससे आपको पेट संबंधी कई परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं।
हेल्दी फैट्स ही खाएं
आपको अपनी डाइट में मिर्च और ज्यादा तले हुए व्यंजनों को शामिल नहीं करना है। अपनी डाइट में हेल्दी फैट्स को शामिल करें। आप ओमेगा 3 फैटी एसिड का सेवन करें। अपनी डाइट में चिया सीड्स, अलसी के बीज आदि शामिल करें। इसके अलावा घर का बना हुआ घी खाएं। एसिडिटी से राहत पाने के लिए अपनी डाइट में कैलोरी मात्रा को कम रखें। अधिक कैलोरी का सेवन करने से आप असहज महसूस कर सकते हैं और एसिडिटी से परेशान हो सकते हैं। इसलिए अपनी डाइट में कैलोरी की मात्रा का खास ध्यान रखें।
थाली में 60% फाइबर रखें
अगर आपको अक्सर एसिडिटी की समस्या रहती है, तो अपनी थाली के 60% हिस्से में ताजे फल और सब्जियों को शामिल करें। ऐसे फलों को डाइट में शामिल करें जिनमें पानी की मात्रा ज्यादा हो, जैसे तरबूज, खरबूजा आदि। ओट्स, फलियां और ड्राईफ्रूट्स में भी फाइबर होता है। इसे भी थाली में शामिल कर सकते हैं।
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