उम्र के साथ भोजन से बी12 को अवशोषित करने की क्षमता कम हो जाती है, इसलिए बढ़ती उम्र में शरीर में इसकी कमी दिखाई देती है। प्रेग्नेंट, ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं, बच्चों और यंग लोगों में भी विटामिन बी12 की कमी पाई जाती है। लेकिन, बी 12 की कमी को अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है।
विटामिन बी 12 की कमी से महिलाओं को प्रेग्नेंट होने में प्रॉब्लम होती है। इसके अलावा, यदि आपके शरीर में विटामिन बी12 की कमी है, तो डाइट में बी6 और फोलेट सहित अन्य बी कॉम्प्लेक्स विटामिन्स को शामिल करें।
हाइपोथायरायड रोगियों में बी12 की कमी बहुत ज्यादा देखने को मिलती है। इसलिए अपनी डाइट में विटामिन बी-12 को शामिल करें। विटामिन और पोषक तत्व थायरॉयड से जुड़ी समस्याओं जैसे सूजन, हेयर फॉल, मोटापा आदि से लड़ने में मदद करते हैं।
बी12 सेंट्रल नर्वस सिस्टम मे काम के लिए जरूरी है और इस पोषक तत्व की कमी आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है और इससे डिप्रेशन, एंग्जाइटी, डिमेशिया जैसी समस्याएं होती हैं। इसके अलावा, बी12 का लेवल कम होने से होमोसिस्टीन नामक सल्फर युक्त अमीनो एसिड का लेवल बढ़ता है। यह शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव और डीएनए डैमेज केा बढ़ाकर डिप्रेशन को बढ़ता है।यदि आपके शरीर में बी12 की कमी हैं, तो आपको मेगालोब्लास्टिक एनीमिया से थकान महसूस होती है। इसकी कमी से ब्लड सेल्स का उत्पादन कम होता है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन फ्लो में रुकावट आती है।
बी12 की कमी से नर्वस सिस्टम पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और बी12 लेवल की कमी के कारण ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई महसूूस होती है हैं जिससे काम को पूरा करने में परेशानी होती है।
यदि आप ऊपर बताए किसी भी लक्षण का अनुभव कर रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं । चूंकि आपका शरीर खुद से विटामिन बी12 नहीं बनाता है। आपको इसे प्लांट बेस फूड्स या सप्लीमेंट से लेना होगा और ऐसा आपको रेगुलर करना चाहिए।