अगर आपका बच्चा भी जंक फूड लवर (junk food lover) और थाली में खाना देखते ही नाक-मुंह बनाने या उसे फेंकने के बहाने ढूंढने लगता है तो टेंशन छोड़ अपनाएं ये तरीके। दरअसल, आजकल के बच्चों में खाने को वेस्ट (food waste) या खराब करने की आदत काफी ज्यादा बढ़ गई है। खाते-खाते वो कभी भी कह देते हैं कि अब उनका खाने का मन नहीं है और प्लेट में बचा हुआ खाना फेंकना पड़ता है। अगर आपके साथ भी ऐसा ही कुछ होता है तो फूड वेस्ट होने से बचाने के साथ अपने बच्चों में भी गुड फूड हैबिट्स डेवलप करने के लिए अपनाएं ये तरीके।
थाली में लें कम खाना-
बच्चों को सिखाएं कि पहली ही बार में अपनी खाने की प्लेट को भोजन से न भर लें। प्लेट में भोजन डालते समय सबसे पहले कम मात्रा में खाना लें। भूख लगने पर भोजन दोबारा ले सकते हैं। बच्चों को बताएं कि अगर उन्हें चाहिए तो उनके लिए और खाना है। लेकिन जरूरत से ज्यादा खाना प्लेट में लेने से वो न सिर्फ झूठा हो जाता है बल्कि वेस्ट भी होता है।
बचे हुए खाने का क्या करें-
अगर बच्चे की प्लेट में खाना बच गया है, तो आप उसे फेंके नहीं। इस बचे हुए खाने को चाइल्ड-फ्रेंडली कंटेनर (child-friendly container) रख दें और बाद में बच्चे को भूख लगने पर खिलाएं। ध्यान रखें, बच्चों की भूख बहुत छोटी होती है और इसलिए उन्हें जल्दी भूख लग जाती है।
खाना परोसने के तरीके में करें बदलाव-
बच्चे अक्सर वही फल और सब्जियां खाना पसंद करते हैं जो उन्हें रोचक तरीके से परोसी जाती हैं। ऐसे में बच्चों को ये दोनों चीजें परोसते समय उनकी प्लेट कलरफुल रखें। उसके लिए उनके लंच बॉक्स को भी क्रिएटिव तरीके से पैक करें।
बच्चों को बताएं क्या है फूड वेस्टेज-
बच्चों को फूड वेस्टेज का मतलब समझाने के लिए उन्हें किसी दिन ऐसी जगह लेकर जाएं जहां गरीब बच्चे रहते हों और उन्हें गरीबी की वजह से दो वक्त का खाना भी अच्छी तरह से नहीं मिल पाता हो।
बच्चों को समझाएं कि वो कितने भाग्यशाली हैं कि उन्हें रोज भरपेट खाना मिलता है। जिसे उसे थाली में छोड़कर वेस्ट नहीं करना चाहिए।