बच्चों के बहस करने की आदत को खत्म कर हैं सकते

Update: 2024-05-18 14:44 GMT
लाइफस्टाइल: बच्चे जब बड़े होने लगते हैं, तो वह अपने आसपास के लोगों से बातचीत करने के बेहतर तरीके भी सिखते हैं। इसके साथ ही कुछ बच्चे बड़े होने के साथ ही मनमानी भी करते हैं और उन्हें बहस करने की गंदी आदत भी हो जाती है, जिस वजह से कई बार माता-पिता को शर्मिंदा भी होना पड़ता है और यह उनके परेशानी का सबसे बड़ा कारण भी बन जाता है। वैसे बच्चों के बहस करने के कई मुख्य कारण हो सकते हैं, लेकिन उनसे डील करना माता-पिता को आना चाहिए। ऐसे में आज हम आपको कुछ टिप्स के बारे में बताने वाले हैं, जिनकी मदद से आप बच्चों के बहस करने की आदत को खत्म कर सकते हैं।
बच्चे जैसे-जैसे बड़े होने लगते हैं, उनके अंदर जिद्द करने की क्षमता बढ़ती जाती है, जिस वजह से माता-पिता को उनकी हर छोटी बात पर गुस्सा आने लगता है और वह अपने बच्चों को डांटने लगते हैं। कई बार माता-पिता अपने बच्चों पर हाथ भी उठा देते हैं, लेकिन ऐसा करने से बचना चाहिए। क्योंकि कई बार इन्हीं छोटी बातों के कारण बच्चा बहस करने पर आतुर हो जाता है। ऐसे में आप हमेशा अपने बच्चों को प्यार से अपनी बातें समझाने की कोशिश करें। उनपर चीखने-चिल्लाने के बजाय नरम भाषा का प्रयोग करें, ताकि आपके बच्चे को भी आपकी बातें अच्छी तरह से समझ में आए। कई मामलों में ऐसा देखा गया है कि गुस्से के बजाय अगर माता-पिता अपने बच्चों से प्यार से बात करते हैं, तो बच्चा उनकी बातों को समझता है।
बच्चों की बातों को भी सुनें
बच्चा अगर आपसे कोई बात आकर बोल रहा है, तो उसपर गुस्सा करने के बजाय उनकी बातों को सुना करें, क्योंकि अगर आप उनकी बातों को हर बार नजरअंदाज करेंगे, तो इससे बच्चों के अंदर नेगेटिविटी बढ़ जाएगी और आगे चलकर वह आपसे बदतमीजी भी कर सकता है। ऐसे में इस बात का ध्यान रखें कि आपका बच्चा आपसे बार-बार क्या कहने की कोशिश कर रहा है और उसकी मनोस्थिति क्या है।
बच्चों पर न थोपें अपने फैसले
भारतीय माता-पिता की एक सबसे बड़ी गलती होती है कि वह अपने बच्चों पर फैसले थोपने लगते हैं, जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए। अगर आपका बच्चा अब बड़ा होने लगा है, तो उसके मन की भी सुना करें। वह क्या चाहता है, उसपर भी गौर करना चाहिए। अगर आप अपने बच्चों के मन की नहीं सुनेंगे तो आगे चलकर वह विद्रोह कर सकते हैं और उनमें बहस करने की आदत भी उत्पन्न हो सकती है। ऐसे में हर बार उनपर अपने फैसले थोपने की गलती ना करें। बल्कि उनकी मर्जी के बारे में जानकर ही फैसला लिया करें।
तुरंत रिएक्ट न करें
सी बात को लेकर बहस कर रहा है, तो उसपर तुरंत रिएक्ट ना करें, बल्कि उनकी बातों को अच्छी तरह से सुने और फिर समझाने की कोशिश करें। कई बार बच्चे अपने जिद्द के चक्कर में बहस करने लगते हैं, लेकिन अगर आप भी उनके साथ बहस करने लगेंगे तो मामला और भी अधिक बिगड़ सकता है। दरअसल, कई मामलों में देखा गया है कि जब बच्चा अपना पक्ष अपने पैरेंट्स के सामने रख देता है, तो वह खुद ब खुद काफी हद तक शांत हो जाता है। इसके बाद ही आप उसे अपना पक्ष समझाने की कोशिश करें।
सही-गलत का अंतर समझाएं
बच्चे कई बार जिद्द करते हैं, तो माता-पिता आसानी से उनकी मांगों को पूरी कर देते हैं, जिस वजह से बच्चे मनमानी करने लगते हैं और जब माता-पिता उनके कई बातों को नजरअंदाज करते हैं, तो बच्चे बहस करने पर आतुर हो जाते हैं। ऐसे में माता-पिता को अपने बच्चों को सही और गलत का अंतर समझाना चाहिए। इसके लिए आप चाहे तो छोटी-मोटी एक्टिविटीज करके भी बच्चों को अपनी बातें समझा सकते हैं।
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