ICMR study:कोविड के कारण प्री-टर्म डिलीवरी की से ग्रस्त हो रही गर्भवती महिलाएं

कोरोना वायरस प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है.

Update: 2022-05-06 01:48 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना वायरस प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है. वैज्ञानिकों का मानना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान कोरोना होने पर महिलाओं को अस्पताल और ICU में भर्ती होने का जोखिम ज्यादा होता है. हाल ही में कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया (UBC) की एक स्टडी में ये बात सामने आई है कि प्रेग्नेंसी में कोरोना होने के कारण बच्चे का जन्म समय से पहले ही हो सकता है.

यह रिसर्च जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (JAMA) में प्रकाशित हुई है. वैज्ञानिकों ने रिसर्च में 6,012 ऐसी प्रेग्नेंट महिलाओं को शामिल किया था, जो कोरोना संक्रमण की शिकार थीं. इनमें से 466 को अस्पताल में और 121 को ICU में भर्ती होना पड़ा. लगभग 35.7% मामलों में कोरोना का पता प्रेग्नेंसी के 28 से 37 हफ्तों के बीच चला.
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वैज्ञानिकों ने पाया कि ICU में भर्ती होने का खतरा उम्र और हाई ब्लड प्रेशर जैसी कोमोर्बिडिटीज पर भी निर्भर करता है. जो गर्भवती महिलाएं कोरोना के खिलाफ वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुकी हैं, उनमें ये खतरा बेहद कम हो जाता है.
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UBC की रिसर्च में शामिल डॉ एलिजाबेथ मैक क्लायमोंट कहती हैं कि हॉस्पिटलाइजेशन के साथ-साथ प्रेग्नेंट महिलाओं को कोरोना से प्रीटर्म बर्थ यानी समय से पहले जन्म का भी खतरा होता है. इससे बच्चे को भविष्य में गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं, जो आजीवन चल सकती हैं.


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