परीक्षाओं के दौरान घबराहट और बेचैनी होना आम बात है। हम सभी परीक्षाओं के वक्त तनाव से गुज़रे हैं, हालांकि, हाल ही में हुए एक शोध से पता चला कि इस दौरान एक खास तरह का ड्राईफ्रूट का सेवन आपको तनाव से बचा सकता है। रिसर्च में खुलासा हुआ है कि डाइट में बदलाव और खास फूड्स का सेवन तनाव को नैचुरल तरीके से कम कर सकता है।
इम्तिहान के दौरान तनाव से दूर रहना नामुमकिन सा है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि एक फूड आपके दिमाग को ताकत देता है, जिससे तनाव और घबराहट दूर होते हैं। तो आईए जानें इस जादुई ड्राईफ्रूट के बारे में...
पढ़ाई के तनाव को लेकर हुई रिसर्च
जर्नल न्यूट्रिएंट्स में प्रकाशित दक्षिण ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय के एक अध्ययन के अनुसार, अखरोट पढ़ाई के तनाव के नकारात्मक प्रभावों को कम करने की ताकत रखते हैं, विशेष रूप से महिलाओं के गट फ्लोरा पर इनका पॉज़ीटिव प्रभाव पड़ता है। पीएचडी छात्र मौरिट्ज़ हर्सेलमैन और एसोसिएट प्रोफेसर लारिसा बोब्रोवस्काया, इस रिसर्च के प्रमुख शोधकर्ता, ने बताया शोध में पता चला कि अखरोट का सेवन दिमाग और आंत के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का काम कर सकता है।
हर्सेलमैन ने कहा, स्टूडेंट्स पर लगातार पढ़ाई का दबाव बना रहता है, जिसका उनकी मेंटल हेल्थ पर नकारात्मक असर पड़ता है, खासतौर पर इम्तिहान के समय। इस शोध के लिए ग्रेजुएशन कर रहे 80 स्टूडेंट्स को उपचार और कंट्रोल ग्रुप्स में विभाजित किया गया। इनका तीन अंतरालों में नैदानिक रूप से मूल्यांकन किया गया, यानी 13-सप्ताह के विश्वविद्यालय सेमेस्टर की शुरुआत में, परीक्षा अवधि के दौरान और परीक्षा अवधि के दो सप्ताह बाद। जो लोग उपचार ग्रुप में थे, उन्हें इस दौरान रोज़ाना 16 हफ्तों के लिए अखरोट दिए गए।
दिमाग को तेज़ बनाता है अखरोट
हर्सेलमैन ने बताया कि जिन लोगों ने रोज़ाना आधा कप अखरोट खाया, उनके मानसिक स्वास्थ्य संकेतकों में सुधार देखा गया। जिन बच्चों ने अखरोट खाए, उनके मेटाबॉलिज़्म और नींद की क्वालिटी में भी सुधार देखा गया।
जो बच्चे कंट्रोल ग्रुप में थे, उनमें तनाव और अवसाद का स्तर बढ़ा दिखा, जो परीक्षा पास आने पर और बढ़ गया, जबकि ऐसा उपचार ग्रुप के बच्चों के साथ नहीं हुआ। जिन बच्चों ने अखरोट खाए, उनमें अवसाद भी कंट्रोल ग्रुप के मुकाबले काफी कम दिखा।
अखरोट पर पहले हुई रिसर्च में यह देखा गया कि यह ड्राईफ्रूट ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, एंटीऑक्सीडेंट्स, पॉलीफेनॉल्स, फोलेट, विटामिन-ई और यहां तक कि नींद में मदद करने वाले हॉर्मोन मेलाटोनिन से भी भरपूर होता है। यह सभी पोषक तत्व दिमाग के साथ आंत की सेहत के लिए भी फायदेमंद साबित होते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, 24 साल से कम उम्र के कम से कम 75 फीसदी लोग ऐसे होते हैं, जो किसी न किसी तरह के मानसिक विकार का शिकार हो जाते हैं। यानी ज़्यादातर अंडर-ग्रैज़एट छात्र मानसिक स्वास्थ्य से जूझते हैं।
मेंटल हेल्थ के लिए बेहतरीन है अखरोट
एसोसिएट प्रोफेसर लारिसा बोब्रोवस्काया ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े विकार यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे स्टूडेंट्स में आम हैं और इसका असर उनकी परफॉर्मेंस के साथ सेहत पर भी पड़ता है। हमने शोध में देखा कि तनाव भरे समय में अगर अखरोट खाए जाएं, तो इससे मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और पढ़ाई कर रहे बच्चों की ओवरऑल हेल्थ पर भी पॉज़ीटिव असर पड़ता है। अखरोट न सिर्फ एक हेल्दी और स्वादिष्ट स्नैक है, बल्कि पढ़ाई के तनाव का दिमाग पर बुरा असर नहीं पड़ने देता।