खर्राटों की समस्या को कैसे करे कम
पीठ के बल सोने से कई बार आपकी जीभ गले की तरह चली जाती है
कई लोग सोते समय खर्राटे लेते हैं, इससे उन्हें नींद बार-बार टूटने की दिक्कत तो होती ही है, साथ ही उनके साथ सोने वालों की भी नींद में खलल पैदा होता है। यह दिक्कत दूसरों के लिए कितनी भी बड़ी समस्या हो, लेकिन ज़्यादातर लोग अपने खर्राटों का इलाज नहीं करते। खर्राटे लेना ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया से भी जुड़ा होता है, जिसमें रोगी सोते समय सांस से जुड़ी दिक्कत का सामना करता है।
शोध के मुताबिक, करीब 20 फीसदी वयस्क रोज़ खर्राटे लेते हैं, जबकि 40 फीसदी लोग कभी-कभी लेते हैं। 10 बच्चों में से एक को खर्राटे की समस्या हो सकती है। तो आइए जानें कि खर्राटों की समस्या को कैसे कम किया जा सकता है।
1. एक तरफ करवट लेकर सोएं
पीठ के बल सोने से कई बार आपकी जीभ गले की तरह चली जाती है, जिससे गले में एयरफ्लो में बाधा आती है। अगर आप बाईं या दाईं ओर करवट लेकर सोते हैं, तो इससे हवा का फ्लो आसान रहता है, जिससे खर्राटे नहीं आते।
2. नींद अच्छी लें
सुनिश्चित करें कि रोज़ 7 से 9 घंटे की नींद ज़रूर लें। अमेरिकन अकैडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन और स्लीप रिसर्च सोसाइटी के अनुसार, नींद का पूरा न होना खर्राटों के जोखिम को बढ़ाता है।
साथ ही खर्राटों से बार-बार नींद टूटती भी है, जो नींद पूरी न होने का कारण बनता है।
3. सोते समय सिर को ऊंचा कर सोएं
अगर आप सोते वक्त अपने सिर को थोड़ा ऊंचा रखते हैं, तो इससे भी स्नोरिंग कम हो सकती है। इसके लिए आप बेड राइज़र्स जैसे प्रोडक्ट का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
4. सोने से पहले शराब पीने से भी बचें
कोशिश करें कि सोने से कम से कम तीन घंटे पहले शराब न पिएं। शराब आपकी गले की मांसपेशियों को सुस्त कर देती हैं, जिससे खर्राटे शुरू हो जाते हैं। इसके अलावा शराब आपकी नींद में भी बाधा डाल सकती है।
5. सोने से पहले सीडेटिव न लें
अगर आप सीडेटिव लेते हैं, तो डॉक्टर से इसके ऑप्शन्स के बारे में बात करें। सोने से पहले सीडेटिव न लेना आपके खर्राटों को कम कर सकता है। शराब की तरह सीडेटिव भी गले की मांसपेशियों को सुस्त कर सकता है।
6. स्मोकिंग छोड़ें
अगर आप स्मोक करते हैं, तो इसकी वजह से भी आपके खर्राटे लेने की परेशानी बढ़ सकती है। स्मोकिंग ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का जोखिम बढ़ाती है या इसे और खराब करती है, जो खर्राटों का कारण बनता है। धूम्रपान छोड़ने के लिए आप डॉक्टर की मदद ले सकते हैं।
7. शरीर का वज़न बनाए रखें
अगर आपका वज़न ज़्यादा है, तो इसे कम करें, इससे गले में टिशू की मात्रा कम होगी। कई बार अधिक टिशू भी खर्राटों का कारण बनते हैं। वज़न कम करने के लिए आप कैलोरी का सेवन कम कर सकते हैं, रोज़ वर्कआउट शुरू करें और ज़्यादा से ज़्यादा पोषण से भरपूर फूड्स ही खाएं।