नवरात्रि का त्योहार पूरे देश में बड़े ही जोश और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. खासकर उत्तर भारत में लोग मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा करते हैं और व्रत भी रखते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ हृदय रोग, मधुमेह, बीपी या गर्भावस्था के मामले में उपवास की सलाह नहीं देते हैं। हालांकि, गर्भावस्था के दौरान उपवास रखने वाली महिलाओं को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है ताकि शरीर में पोषक तत्वों की कमी न हो और इससे बच्चे के विकास पर असर न पड़े।खूब पानी पिएं, ताकि शरीर हाइड्रेट रहे। पानी के अलावा आप नारियल पानी, स्मूदी, छाछ, नींबू पानी, लस्सी आदि भी पी सकते हैं। ध्यान रखें कि एक सांस में कुछ भी न पिएं, छोटे-छोटे घूंट लेना ही बेहतर है।
गर्भावस्था के दौरान कब्ज होना आम बात हो जाती है, इसलिए इससे बचने के लिए फाइबर युक्त भोजन का सेवन करें। मौसमी फल और सब्जियां जैसे खीरा, टमाटर, गाजर आदि फाइबर से भरपूर होते हैं।अगर आप गर्भावस्था के दौरान उपवास कर रही हैं, तो दिन में थोड़ा-थोड़ा भोजन करते रहें। एसिडिटी, मतली या अपच से बचने के लिए भोजन के बीच 2 से 3 घंटे का अंतर अवश्य रखें।साबुत अनाज में कार्ब्स होते हैं, जो आपको दिन भर एनर्जी देने का काम करते हैं। आम चावल और आटे की जगह कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा और राजगिरा का आटा इस्तेमाल करें।तले हुए और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ जैसे आलू के चिप्स, आलू की पूरी, टिक्की, साबूदाने की टिक्की आदि खाने से बचें। हालाँकि, आप भुने हुए मखाने और नट्स जैसे अखरोट, बादाम और किशमिश का सेवन कर सकते हैं।