सिर्फ 5 मिनट में ऐसे करें केमिकल से पके हुए तरबूज की पहचान
सिर्फ 5 मिनट में ऐसे करें केमिकल
गर्मी का मौसम आ गया है और इसी के साथ बाजार में तरबूज भी बिकने लगे हैं। तरबूज खाने से शरीर को कई फायदे मिलते हैं। मगर क्या आप जानती हैं कि गर्मी के सीजन में बाजार में ऐसे तरबूजों की भी भरमार हो जाती है, जिन्हें केमिकल की मदद से पकाया जाता है? केमिकल से पकाया गया तरबूज स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।
1)तरबूज के बीच में दरार
अगर तरबूज को काटने के बाद आपको इसके बीच में दरार या कई छेद दिखाई देते हैं, तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि तरबूज को केमिकल की मदद से पकाया गया है। प्राकृतिक रूप से पके फल में ऐसी दरार नहीं होती है।
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2)रंग से करें पहचान
तरबूज को काटने के बाद एक टिशू पेपर को तरबूज की सतह के ऊपर रखें और थोड़ी देर बाद हटा दें। अगर टिशू पेपर पर लाल रंग दिखता है, तो इसका मतलब है कि तरबूज को केमिकल से पकाया गया है।(घी में मिलावट तो नहीं?)
इसके अलावा तरबूज को मार्केट से खरीदने के बाद कम से कम 3-4 दिन के लिए ऐसे ही रख दें। तरबूज कई सप्ताह तक खराब नहीं होते हैं, इसलिए इन्हें कुछ दिन ऐसे ही रखा जा सकता है। कुछ दिनों बाद अगर तरबूज की सतह से आपको किसी तरह का झाग या चिकना सफेद पानी जैसा निकलता दिखने लग जाए, तो इसका अर्थ है कि तरबूज में केमिकल का प्रयोग हुआ है।
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3)ऐसे भी करें पहचान
कई बार तरबूज के ऊपर की सतह पर हल्का सा सफेद या भूरे रंग का पाउडर नजर आता है। कई लोगों को यह गलतफहमी हो जाती है कि तरबूज के ऊपर धूल लगी हुई है। असल में यह पाउडर कार्बाइड हो सकता है। इसलिए ऐसा तरबूज आपको नहीं खरीदना चाहिए। अक्सर इंजेक्शन वाले तरबूज बहुत अधिक लाल दिखाई देते हैं और ये ज्यादा मीठे भी होते हैं। मगर ऐसे तरबूज जल्दी सड़ने भी लगते हैं। (फ्रूट चाट को लम्बे समय तक ऐसे रखें फ्रेश)
आप इन तरीकों से यह पता कर सकती हैं कि तरबूज को केमिकल से पकाया गया है या नहीं। अगर हमारी स्टोरी से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें।