बच्चों को पीना चाहिए कितना पानी? देखिए उम्र के हिसाब से चार्ट
एक नवजात के शरीर में 75 प्रतिशत तरल पदार्थ होता है.
एक नवजात के शरीर में 75 प्रतिशत तरल पदार्थ होता है, जबकि एक वयस्क के लिए यह 60 प्रतिशत तरल पदार्थ होता है। हमारे शरीर को बुनियादी रासायनिक प्रतिक्रियाओं के लिए पानी की आवश्यकता होती है। जब हम पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं, तो हमारा शरीर अपने सर्वोत्तम तरीके से काम नहीं कर पाता है। इसलिए जैसे ही डिहाइड्रेशन शुरू होता है, आप थकान महसूस करने लगते हैं। सर्दी का मौसम हो या गर्मी, अपने शरीर को इसके श्रेष्ठ कामकाज के लिए हाइड्रेटेड रखना सबसे महत्वपूर्ण है।
बच्चों को कितना पानी चाहिए
हम अक्सर अपने पानी के सेवन का ध्यान रखते हैं और जानते हैं कि इसे कब लेना है। लेकिन छोटे बच्चों जो खुद को व्यक्त नहीं कर सकते, उनके लिए यह जानना मुश्किल होता है कि क्या वे ठीक से हाइड्रेटेड हैं।
बच्चों को कितना पानी चाहिए यह उनके लिंग और उम्र पर निर्भर करता है। अन्य कारक जिन पर पानी का सेवन निर्भर करता है, वह हैं तापमान, ह्यूमिडिटी, गतिविधि स्तर और व्यक्ति का समग्र स्वास्थ्य।
शरीर में पानी की कमी
जब हम गर्म महसूस करते हैं, तो मस्तिष्क पसीने की ग्रंथियों को पसीना पैदा करने के लिए सचेत करता है। इस तरह शरीर अपने आप ठंडा हो जाता है।
अगर शरीर में पानी की कमी हो जाती है तो शरीर को ठंडा रखने के लिए पर्याप्त पसीना नहीं आता है। पानी मनुष्य के शरीर में मल को बाहर निकालने, नियंत्रित करने, शरीर के तापमान को बनाए रखने, रक्त की मात्रा को बनाए रखने, जोड़ों को चिकनाई देने, यूटीआई, गुर्दे की पथरी और अनेक ऐसी बिमारियों को रोकने में मदद करता है।
बच्चे को कितना पानी पीना चाहिए
आपके बच्चे को कितना पानी पीना चाहिए, इसका मार्गदर्शन करने के लिए यहां एक सरल चार्ट दिया गया है।
यह सिफारिशें आम तौर पर स्वस्थ बच्चों के लिए हैं जो मध्यम जलवायु में रहते हैं। हालांकि यह सभी के लिए सटीक नहीं हैं।
4 - 8 साल के लड़के - 1.1 से 1.3 लीटर प्रति दिन।
4 - 8 साल की लड़कियां - 1.1 से 1.3 लीटर प्रति दिन।
9 - 13 साल की लड़कियां - प्रति दिन 1.3 से 1.5 लीटर।
9 - 13 साल के लड़के - 1.5 से 1.7 लीटर प्रति दिन।
उपरोक्त डेटा यूरोपीय खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण (EFSA) से है कि बच्चों को कितने तरल पदार्थ की आवश्यकता होती है।
गर्मी में कितना पानी पिएं
बड़ों की तरह गर्म मौसम में बच्चों की भी पानी की जरूरत बढ़ जाती है। इसलिए उसके पेशाब को चैक करते हुए अपने बच्चे की पानी की खपत को बढ़ाते रहें। अगर उसका पेशाब साफ आता है तो इसका मतलब है कि बच्चा हाइड्रेटेड है,लेकिन अगर पेशाब पीले रंग का आता है तो उसे और ज्यादा मात्रा में पानी पिलाएं और अगर आपका बच्चा ज्यादा एक्टिव है, तो उसके शरीर को बाकी बच्चों की तुलना में ज्यादा पानी की आवश्यकता होगी।
अगर आप चाहे तो पानी में ग्लूकॉन-डी या इलेक्ट्रॉल जैसी चीज़ें भी मिलाकर उसे दे सकती हैं। इससे उसका टेस्ट भी चेंज हो जाएगा और उसके शरीर में पानी की कमी भी नहीं होगी।