तेज गर्मी-धूप साबित हो रही जानलेवा

Update: 2023-06-18 18:51 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | दिल्ली, उत्तर प्रदेश-बिहार सहित देशभर में इन दिनों भीषण गर्मी और लू का प्रकोप जारी है। कई राज्यों में दिन का तापमान 45 डिग्री तक पहुंच गया है जिसके सेहत संबंधी कई गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं। उत्तर प्रदेश इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में है, बलिया जिला अस्पताल में पिछले 72 घंटों में हीट स्ट्रोक के कारण कम से कम 54 लोगों की मौत हो गई। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, 400 से अधिक लोग वर्तमान में जिला अस्पताल में भर्ती हैं और जो लोग भर्ती हैं उनमें से अधिकतर 60 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के हैं। ज्यादातर राज्यों में यही हालात हैं।

डॉक्टर्स कहते हैं, तापमान बढ़ने के कई अल्पकालिक और दीर्घकालिक स्वास्थ्य दुष्प्रभाव हो सकते हैं। हीट स्ट्रोक के जोखिमों के साथ यह हृदय, मस्तिष्क, किडनी और मांसपेशियों के लिए भी समस्याकारक है। दिन-ब-दिन बढ़ते पारा के साथ शरीर के लिए खतरा बढ़ता जा रहा है, सभी लोगों को इस समय विशेष सावधानी और सर्तकता बरतते रहने की आवश्यकता है।गर्मी-धूप के दुष्प्रभावों और इससे बचाव के उपायों के बारे में जानने के लिए हमने लखनऊ में इंटेंसिव केयर एक्सपर्ट डॉ भारतेंदु नारायण से बातचीत की। वह कहते हैं जिस प्रकार से इन दिनों गर्मी का दौर जारी है, इसे जानलेवा दुष्प्रभावों वाला माना जा सकता है। विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह काफी चुनौतीपूर्ण समय है, थोड़ी सी भी लापरवाही गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है।

हमारा शरीर 45 डिग्री तक तापमान सहन करने के योग्य नहीं है, इसलिए अगर बचाव न किया जाए तो हीट स्ट्रोक सहित कई अंगों पर इसके दुष्प्रभाव हो सकते हैं।डॉ भारतेंदु बताते हैं, इन दिनों अस्पताल में अधिकतर लोग जो गर्मी के दुष्प्रभावों के कारण भर्ती हो रहे हैं उनमें ओलिगुरिया की समस्या देखी जा रही है, यह ऐसी स्थिति है जिसमें डिहाइड्रेशन के कारण किडनी पर्याप्त मात्रा में मूत्र का उत्पादन नहीं कर पाती है। चूंकि हम जितना पानी पीते हैं उसकी ज्यादातर मात्रा पसीने के रूप में शरीर से बाहर निकल जाती है, जिससे किडनी में पानी कम मिल पाता है।

यही कारण है कि गर्मी के दिनों में हमें कम बार पेशाब जाने की अनुभूति होती है, यह किडनी की सेहत के लिए हानिकारक स्थिति है।

Tags:    

Similar News

-->