पवित्र तुलसी के पौधे धार्मिक और औषधीय हैं फायदेमंद

Update: 2024-05-18 12:08 GMT
लाइफस्टाइल: पवित्र तुलसी के पौधे की देखभाल: तुलसी का पौधा हमारे हर भारतीय घर में मिलेगा। इस उपचार के धार्मिक और औषधीय रूप से कई फायदे हैं। इसके कारण से महत्वपूर्ण बहुत अधिक वृद्धि होती है। हम सभी तुलसी के उपचारों को पवित्र और पूजनीय अपने घर में लागू करते हैं। माना जाता है कि इन उपायों से होती है मां लक्ष्मी की कृपा। भगवान विष्णु को भी तुलसी बहुत प्रिय है। लेकिन हीट हीट की तरह यह पौधा भी लगता है। एपिसोड की धूप की स्थिति का सामना होता ही इसकी पत्तियाँ बनी हुई हैं। अगर आपका पौधा भी धूप से झुलसा हुआ है तो हम आपको कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में बताते हैं जो बेकार हैं और पौधे को गर्मी से बचाते हैं। यह खाद आपको बहुत ही आसानी से मिल जाएगी, इसे अपने तुलसी के उपचारों में जरूर शामिल करें। गर्मी के मौसम में तुलसी के उपचारों में डालें ये खास व्यंजन -
तुलसी में डाला जाने वाला गोबर का खाद
पवित्र तुलसी के पौधे की देखभाल
तुलसी में गोबर की खाद डालें
गोबर की खाद हमारे होम ऑर्गेनाइजेशन में बहुत आसानी से उपलब्ध है। यह सबसे आसानी से उपलब्ध होने वाली प्रभावी खाद निर्मित की जा रही है। यह एक ऐसी खाद है जिसमें सभी आवश्यक पोशाक तत्व उपलब्ध होते हैं जिनका कोई भी उपचार किया जा सकता है। गर्मी के मौसम में तो यह सुखते उपाय भी जान दल के पास है। यदि आपके घर में तुलसी का पौधा लगा है और वह सुख रहा है तो गोबर की खाद अवश्य डालें। 2-3 महीने के अंतराल पर यह सही रहता है।
तुलसी के उपाय में नीम की खाद
उर्वरक
तुलसी के पौधे में नीम की खाद
नीम की खाद की खाद की तरह ही नीम की खाद को भी बहुत अधिक उपयोगी माना गया है। इससे भी अच्छी बात यह है कि इस खाद का कोई साइड इफेक्ट नहीं है। अगर आपका प्लांट हीट की वजह से सुखी है तो एक बार आपको नीम की खादी स्टैण्डर्ड जरूर देखना चाहिए। यह उपाय नैचरल पेस्टीसाइड का काम करता है और टीके को सिक्योर और आराम से आराम में मदद करता है।
तुलसी के उपचार में बनाये गये खाद
तुलसी का पौधा
तुलसी के पौधे में खाद डालें
खाद बनाने के बारे में बहुत ही कम लोगों को जानकारी है। लेकिन यह प्रमाणित के लिए बहुत ही जरूरी है। इस खाद्य में प्रमाणित पोषक तत्व मौजूद होते हैं। यह पोषक तत्वों को उनके विकास में सहायक बनाता है। यदि आपकी तुलसी का पौधा जल रहा है तो आपको इसे अवश्य ले जाना चाहिए। हर 15 दिन में आप अपने उपाय में खाद बना सकते हैं।
इन बातों का ध्यान रखें
उर्वरक लगाना
खाद डालते समय इन बातों का रखें ध्यान
तुलसी के प्रयोगों में खाद उस चीज को डाला गया जब गामाले की मिट्टी का स्वाद हो। खाद्य पदार्थों को जड़ से उखाड़ने के स्थान पर चारों ओर डाला गया ताकि उनका यह पोषण हो तो किसी भी प्रकार का नुक्सान न लाया जाए। यदि खाद्य पदार्थ में निश्चित मात्रा नहीं डाली गई तो यह उसके वंश को नष्ट कर सकता है। बारिश के मौसम में खाद बहुत कम होनी चाहिए। इस दौरान भारी पानी की कमी से बचाव और ऐसे स्थानों पर जहां उपचार को अच्छी हवा और धूप भी मिल रही है।
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