हिंदी का सम्मान होना चाहिए….

Update: 2022-09-13 18:54 GMT
 आज हम भारतीयों में से बहुत से लोग अपनी हिंदी भाषा को बोलने में शर्म महसूस करते हैं, जबकि हमारे देश को आजाद करवाने वाले देशभक्तों और महापुरुषों ने हिंदी बोलने में अपनी शान समझी और इसके विस्तार के लिए काम किया। एक बार स्वामी विवेकानंद जी विदेशी यात्रा पर गए थे।
वहां उनसे लोग मिलने आए। इनमें से कुछ ने विवेकानंद से हाथ मिलाते हुए अंग्रेजी में हेलो कहा, विवेकानंद जी ने हेलो का जवाब हिंदी में नमस्कार से दिया। यह देखकर कुछ लोगों ने सोचा कि स्वामी को अंग्रेजी नहीं आती है, इसलिए वो जवाब में नमस्कार कह रहे हैं। तभी एक व्यक्ति ने स्वामी विवेकानंद से हिंदी में पूछा कि आप कैसे हैं? हिंदी में सवाल सुनकर स्वामी विवेकानंद मुस्कुराए और उसे इंग्लिश में जवाब दिया, 'आई एम फाइन, थैंक यूं।' बाद में उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने ऐसा क्यों किया।
-राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा

By: divyahimachal

Tags:    

Similar News

-->