प्रेग्नेंसी में हाई कोलेस्ट्रॉल बच्चे के लिए घातक, हार्ट डिजीज का बढ़ता है रिस्क
लाइफस्टाइल: अनहेल्दी लाइफस्टाइल और गलत खानपान से शरीर में बेड कोलेस्ट्रॉल के लेवल का बढ़ना ठीक नहीं होता है. ये सबसे ज्यादा दिल को नुकसान पहुंचाता है. वैसे तो बेड कोलेस्ट्रॉल किसी भी समय बढ़े खतरनाक होता है, लेकिन प्रेग्नेंट महिलाओं के केस में इसके गंभीर असर हो सकते हैं. दरअसल, प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल चेंजेज होते हैं. कभी-कभी ये हार्मोनल बदलाव ज्यादा इफेक्ट नहीं करते हैं, लेकिन कई बार समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है. एक्सपर्ट के मुताबिक, यदि प्रेग्नेंट महिलाओं में बेड कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ता है तो उनके बच्चों में बड़े होने पर सीरियस हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है. इसके लिए जरूरी है कि एक्सरसाइज और लो कोलेस्ट्रॉल वाली चीजों को डाइट में शामिल करें. आइए संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल दिल्ली की गायनोकोलॉजिस्ट डॉ. ज्योत्सना देवी से जानते हैं प्रेग्नेंसी में बेड कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने का कारण और कौन सी हो सकती हैं परेशानियां.
प्रेग्नेंसी में क्यों बढ़ता है कोलेस्ट्रॉल?
प्रग्नेंसी के शुरुआती 3 महीने के दौरान ही कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने लगता है. इसका सबसे बड़ा कारण अनहेल्दी लाइफस्टाइल और गलत खानपान है. प्रेग्नेंसी के दौरान खानपान और लाइफस्टाइल के कारण ही कई तरह के हार्मोनल चेंजेज होते हैं, जिसकी वजह से कोलेस्ट्रॉल बढ़ने लगता है. कोलेस्ट्रॉल में शरीर पर फैट जमने लगता है, जिसकी वजह से ऑर्गेनिक मॉलिक्यूल होता है. इस दौरान शरीर में टेस्टोस्टरॉन और एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल इनबैलेंस के कारण हाई कोलेस्ट्रॉल की दिक्कत हो सकती है. प्रग्नेंसी में हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारी से बचने के लिए डाइट और लाइफस्टाइल का ख्याल रखना बेहद जरूरी होगा.
जेस्टेशनल डायबिटीज: प्रेग्नेंसी के दौरान खुद का खास ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है. क्योंकि जब आप फिट रहेंगी, तभी पेट में पल रहा बच्चा भी हेल्दी रहेगा. बता दें कि, यदि किसी महिला को गर्भावस्था के दौरान कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है तो जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है. ऐसे में जरूरी है कि अपनी डाइट में सुधार करें.
प्रीक्लेम्पसिया: प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादातर महिलाओं को हाई ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है. दरअसल इसका सीधा संबंध आपके बढ़े हुए हाई कोलेस्ट्रॉल से होता है. आमतौर पर हाई कोलेस्ट्रॉल ही हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनता है. इससे प्रीक्लेम्पसिया होने का भी खतरा बढ़ सकता है.
प्रीटर्म बर्थ: गर्भावस्था के दौरान खुद से ज्यादा पेट में पल रहे बच्चे का ख्याल रखना बेहद जरूरी है. इसी समय कई महिलाओं में हाई कोलेस्ट्रॉल की भी समस्या हो जाती है. इसके सबसे बड़ा कारण है गलत खानपान. बता दें कि, प्रेग्नेंसी के दौरान हाई कोलेस्ट्रॉल से कई बार समय से पहले डिलीवरी हो सकती है.
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लो बर्थ वेट: प्रेग्नेंसी के दौरान आपका खानपान आपके बच्चे के स्वास्थ्य पर असर डालता है. क्योंकि कई महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान कोलेस्टॉल बढ़ने की समस्या होती है. दरअसल., गर्भवती महिलाओं को हाई कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से पैदा होना वाला बच्चा अंडरवेट होने का खतरा हो सकता है.
बच्चे को हार्ट प्रॉब्लम: गर्भवती महिला में कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना बच्चे के लिए घातक हो सकता है. बता दें कि, यदि किसी गर्भवती महिला को हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या है, तो इससे जन्म ले रहे बच्चे में हार्ट से जुड़ी दिक्कत हो सकती है. ऐसे में जरूरी है कि खुद का शुरुआत से ही ख्याल रखा जाए.
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भ्रूण का विकास रुकना: प्रेग्नेंसी में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास धीमा पड़ सकता है. इसके अलावा, हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण गर्भवती महिलाओं में भी ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस होने का खतरा बढ़ जाता है. इससे बचाव के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाना सबसे आसान उपाय है.