कढ़ी खाने से हीमोग्लोबिन बढ़ता है, जानिए सेहत से जुड़े ये भी फायदे

Update: 2021-10-06 05:16 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बेसन की कढ़ी (Besan Kadhi) आपने कई बार खाई होगी. वैसे तो गाजर की कढ़ी, कुल्फे की कढ़ी, आलू की कढ़ी और बूंदी की कढ़ी जैसी कई और तरह की कढ़ी खाना भी लोग पसंद करते हैं. लेकिन सबसे ज्यादा पसंद की जाती है बेसन पकौड़ा कढ़ी. देश के कई राज्यों में बेसन की कढ़ी को शुभ मानते हुए कई त्योहारों और शादी-विवाह में भी बनाया और खाया जाता है. इसमें मुख्य तौर पर बेसन और दही का इस्तेमाल किया जाता है.

वैसे कढ़ी के बेहतरीन टेस्ट को चखने के लिए लोग हफ्ते या महीने भर में कढ़ी बना लिया करते हैं. लेकिन बता दें कि जिस कढ़ी को आप केवल स्वाद के लिए खाते हैं, वो केवल टेस्ट में ही बेहतर नहीं होती है. कढ़ी में कई तरह के पोषक तत्व भी पाए जाते हैं और ये सेहत को कई तरह के फायदे पहुंचाती है. आइए जानते हैं बेसन कढ़ी के फायदों के बारे में.
हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए
हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए बेसन कढ़ी खाना काफी फायदेमंद होता है. इसमें काफी मात्रा में आयरन और प्रोटीन पाया जाता है जिसकी वजह से हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करती है.
ग्रोथ के लिए
कढ़ी में काफी मात्रा में प्रोटीन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, विटमिन्स और मिनरल्स होते हैं. जिसकी वजह से बॉडी के फंक्शंस और ग्रोथ को बेहतर बनाने में कढ़ी काफी मदद करती है.
स्किन प्रॉब्लम्स के लिए
बेसन कढ़ी खाने से सन कोलेजन को बढ़ाने में मदद मिलती है, जिससे स्किन स्मूथ बनती है. साथ ही इसमें एंटी-इन्फ्लेमेट्री गुण भी होते हैं. कढ़ी स्किन से ऐक्ने, डार्क स्पॉट्स और टैनिंग जैसी स्किन प्रॉब्लम्स को दूर करने में भी मदद करती है.
गर्भस्थ शिशु की ग्रोथ के लिए
प्रेग्नेंसी के दौरान प्रेग्नेंट महिला के कढ़ी का सेवन करने से गर्भस्थ शिशु की ग्रोथ बेहतर होती है. कढ़ी में मौजूद फोलिएट, विटमिन B6 और आयरन जैसे कई पोषक तत्व इसमें मददगार साबित होते हैं.
डाइजेशन के लिए
कढ़ी डाइजेशन को दुरुस्त रखने में भी अच्छी भूमिका निभाती है. कढ़ी में गुड बैक्टीरिया होते हैं, जो पेट के लिए अच्छे माने जाते हैं.
डाइबिटीज के लिए
बेसन की कढ़ी में कार्बोहाइड्रेट और फोलेट भी पाए जाते हैं. साथ ही कढ़ी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है. इसलिए डाइबिटीज के पेशेंट के लिए कढ़ी खाना बेहतर होता है.
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