Health Tips: जाने सिर-गर्दन के कैंसर के कारण और इलाज

Update: 2024-08-04 03:28 GMT
Health Tips हेल्थ टिप्स: अनियमित जीवनशैली और अनुचित खानपान की वजह से हर किसी की सेहत पर खराब असर पड़ता ही है इसकी वजह से सामान्य बीमारी कब कैंसर का रूप ले लेती है पता ही नहीं चलता है। हालिया रिसर्च ने खुलासा किया है कि, भारतीय युवाओं और किशोरों में सिर और गले (head and neck cancer) के कैंसर के मामले में पिछले कुछ समय में तेजी से बढ़े है। इसके 50 फीसदी से ज्यादा मामले अब तक मिल चुके है।
जानिए क्या कहती है रिपोर्ट
यहां पर रिपोर्ट के अनुसार, बीते 20 सालों के आंकडों पर बात करें तो, भारतीय युवाओं में सिर और गले के cancer के 51 फीसदी मामले में बढ़ोतरी हुई है इसने युवाओं के इन दो अंगों गले और सिर को बुरी तरह प्रभावित किया है।
जानें कैसे फैलता है कैंसर
यहां पर इस तरह का कैंसर युवाओं में कैसे फैलता है और प्रभाव क्या होता है इसे जानें तो, कैंसर की कोशिकाएं या ट्यूमर होंठों, मुंह की नली, फैरिंक्स या लैरिंक्स में बढ़ने लगता है, तो इन्हें हेड एंड नेक स्क्वामस सेल कार्सिनोमा (
HNSCC
) यानी कि साधारण भाषा में सिर और गर्दन का कैंसर कहा जाता है।
इसका सबसे बड़ा कारण युवाओं में धूम्रपान और तंबाकू की लत है जो उन्हें कैंसर का शिकार बना रही है। इसके अलावा धूल-मिट्टी, वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से भी नैसोफैरिंक्स कैंसर हो सकता है, जो एक तरीके से नाक और गर्दन का कैंसर होता है वहीं पर बाहर का प्रोसेस्ड फूड इसके लिए जिम्मेदार होता है।
जानिए क्या होते है सिर और गर्दन के कैंसर के प्रकार
यहां पर इन प्रकार के कैंसर हो सकते है जो इस प्रकार है..
– ओरल कैविटी कैंसर
– फैरिंक्स कैंसर
– लैरिंक्स कैंसर
– नैसल कैविटी कैंसर
– सैलिवरी ग्लैंड्स कैंसर
इस तरह से इलाज है संभंव
वैसे तो हर किसी कैंसर के इलाज में कीमोथेरेपी काम करती है इसमें हम सिर और गर्दन के कैंसर के एडवांस मामलों की बात की जाए तो, इसमें कीमोथेरेपी के जरिए इलाज संभव होता है। लेकिन कई मामलों में इसे लेकर आ रही problem को देखते हुए इम्यूनोथेरेपी का भी इस्तेमाल किया जा रहा है, इसके अलावा टारगेट थेरेपी भी इस तरह के कैंसर को कम करने में मदद कर सकती है।
अगर आप जल्दी रिकवर होना चाहते है तो आपको अपनी लाइफस्टाइल में परिवर्तन करना जरूरी है।हेड एंड नेक कैंसर से बचने के लिए आपको हेल्दी लाइफस्टाइल जीनी चाहिए, तंबाकू और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए और पौष्टिक आहार का ही सेवन करें।
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