हेल्थ टिप्स Health Tips: 'Gut' सिस्टम शरीर का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है जो हमारे पाचन तंत्र (digestive system) से संबंधित है। इसमें आंतों (intestines) की मुख्य भूमिका होती है, जो आहार को पाचन करके शरीर के लिए उपयुक्त पोषण तत्वों को अवशोषित करते हैं। आंतों में पाचन क्रिया शुरू होती है जब आहार अमाशय (stomach) से आता है, जहां से यह खाद्य पदार्थ छोटे-छोटे अवयवों में विभाजित करके पोषण तत्वों को शरीर के लिए उपयोगी बनाता है। इस प्रक्रिया में विभिन्न पाचन अंग जैसे कि अमाशय और आंतों का सहयोग होता है, जिनका मुख्य उद्देश्य आहार को पोषण में बदलना होता है। गुट सिस्टम न केवल खाद्य को पाचन करता है, बल्कि विभिन्न पोषण तत्वों को शरीर में करने में भी मदद करता है, जिससे कि शरीर के विभिन्न कार्य सही तरीके से चल सकें। अवशोषित
गुड सिस्टम को हेल्दी रखने के लिए ये 8 टिप्स बहुत महत्वपूर्ण हैं, और इन्हें विस्तार से समझाया जा सकता है:
चबाकर खाएं
भोजन को अच्छी तरह से चबाकर खाना आपकी Digestion Process को सुधारता है और खाद्य पदार्थों का अच्छे से पाचन होता है। यह आपकी पेट स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है।
स्ट्रेस फ्री रहें
तनाव की स्थितियों में शरीर का अनुपातित प्रतिक्रिया होता है जो पाचन प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। स्ट्रेस कम करने के लिए ध्यान, योग और आराम के लिए समय निकालना महत्वपूर्ण है।
प्लांट बेस्ड-फाइबर फूड ज्यादा खाएं
अन्न प्रणाली के लिए फाइबर बहुत महत्वपूर्ण है। यह पेट में खाद्य पदार्थों का ठीक से पाचन करने में मदद करता है और कई पाचन संबंधी समस्याओं से बचाव करता है।
पूरी नींद लें
नियमित और पूरी नींद लेना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। अच्छी नींद लेने से पाचन प्रक्रिया में सुधार होती है और शरीर को उचित विश्राम मिलता है।
भरपूर पानी पीएं
उपयुक्त मात्रा में पानी पीना शारीरिक सार्वजनिकता के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह पाचन प्रक्रिया को सहायक होता है और मल मूत्र विसर्जन के लिए भी महत्वपूर्ण है।
चीनी कम खाएं
अधिक चीनी वाले खाद्य पदार्थों से बचें क्योंकि यह पाचन प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं और शरीर को अनावश्यक कैलोरी प्रदान कर सकते हैं।
Caffeine-Alcohol, प्रोसेस्ड फूड से परहेज
इन चीजों का सेवन कम करें क्योंकि ये पाचन प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं और शरीर के विभिन्न अंगों को अस्वस्थ कर सकते हैं।
प्री-बायोटिक्स-प्रोबायोटिक्स शामिल करें
ये आहार में शामिल होने चाहिए जैसे कि दही, किलर, और बाजरे की रोटियों में जीवाणुओं का विस्तार है।