Health Tips: ऐसे खाएं काली मिर्च सेहत को मिलेगा जबरदस्त फायदा

Update: 2024-07-29 09:25 GMT

health tips स्वास्थ्य सुझाव: वैसे तो देश के अलग-अलग राज्यों में लोग काली मिर्च को अलग-अलग नामों से जानते हैं, लेकिन इसके स्वाद से हर कोई वाकिफ है। काली मिर्च लाजवाब स्वाद और सुगंध से भरपूर एक मसाला है, जिसका इस्तेमाल भारतीय खाने में कई तरह से किया जाता है। इसका सबसे अहम तत्व पिपेरिन है, जो इसे उच्च गुणवत्ता वाला बनाता है। इसके साथ ही छोटी काली मिर्च विभिन्न पोषक तत्वों जैसे विटामिन-सी, विटामिन-के, मैग्नीशियम और पोटैशियम आदि का भी अच्छा स्रोत है। इसमें मौजूद Antioxidants और विटामिन-सी के कारण यह शरीर को जीवनदायिनी शक्तियां प्रदान करती है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता में मदद मिलती है।

काली मिर्च का कमाल
मैं अपने भोजन में काली मिर्च को कई तरीके से शामिल करती हूं, मसलन ग्रेवी वाली सब्जी या सूखी सब्जी में, पाउडर के रूप में या क्रश करके, सूखे मसाले पाउडर में पीसकर, कुछ ताजी क्रश करके दाल में और पुलाव, खिचड़ी ,बिरयानी आदि में साबुत ही। टमाटर-प्याज की चटनी में काली मिर्च को डालने से अच्छा स्वाद मिलता है। इसके अलावा रायते, सलाद आदि में काले नमक के साथ काली मिर्च पाउडर भी ऊपर से बुरकें। सूप में इसे क्रश करके डालें, वहीं पुलाव, खिचड़ी, बिरयानी आदि में
साबुत
काली मिर्च का इस्तेमाल करें। उपरोक्त खाद्य पदार्थों के अलावा सभी सूखे मसालों जैसे गरम मसाला, चाट मसाला, बिरयानी मसाला, पानी पुरी मसाला, परांठा मसाला, अचार मसाला आदि में भी मैं काली मिर्च डालती हूं। इसके अलावा चाय मसाले की तो जान ही काली मिर्च पाउडर है । कैसे काली मिर्च को बनाएं अपने भोजन का हिस्सा, आइए जानें:
• तड़के में उपयोग : भोजन बनाते समय तड़के में काली मिर्च का उपयोग करने से स्वाद में ताजगी और चटपटाहट आती है। तड़का लगाते समय तेल या घी हल्का गर्म होने पर उसमें काली मिर्च डालें। हल्का भुन जाने पर तड़का लगाएं। डिश का स्वाद कई गुना बढ़ जाएगा।
• सब्जी में शामिल करें ऐसे: सूखी सब्जी बनाते समय सब्जी भूनते समय काली मिर्च को कूटकर या पीसकर ताजा ही डालें। पर गोभी स्ट्यू आदि में तड़का लगाते समय काली मिर्च डालें। इससे सब्जी में स्वाद अधिक आता है।
• ग्रेवी में उपयोग: ग्रेवी बनाते समय अन्य मसाले के साथ काली मिर्च को भी पीसकर मसाले के साथ भूनें। ग्रेवी का स्वाद कई गुना बढ़ जाएगा।
• दाल में कमाल: धुली मूंग दाल या धुली उड़द दाल में तड़का लगाते समय हींग और जीरे के साथ काली मिर्च को भी क्रश करके डालें। इससे दाल का स्वाद बहुत अच्छा हो जाएगा।
काली मिर्च के प्रकार
आपको शायद पता न हो लेकिन काली और सफेद मिर्च वास्तव में एक ही पौधे से आती है। बस उनकी कटाई और आगे की प्रक्रिया पर उसका रंग निर्भर करता है। यदि आप ध्यान से देखेंगी तो सफेद मिर्च के दाने चिकने और छोटे होते हैं, जबकि काली मिर्च के दाने बाहर से झुर्रीदार होते हैं । सफेद मिर्च का उपयोग मैं ठंडाई पाउडर बनाते समय, दही के शोले, पास्ता ,स्टर फ्राई,क्रीम सॉस आदि बनाते समय करती हूं।
ऐसे करें स्टोर
1) पिसी हुई काली मिर्च के बजाय साबुत काली मिर्च खरीदना हमेशा बेहतर होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि एक बार पीसने के बाद काली मिर्च जल्दी ही अपना स्वाद और सुगंध खो देती है।
2) साबुत काली मिर्च पिसी हुई काली मिर्च की तुलना में अधिक समय तक टिकती है। इनको ठंडी और अंधेरी जगह पर ही रखना चाहिए। इसके अलावा यदि काली मिर्च पाउडर बनाया है तो एयर टाइट डिब्बे में फ्रिज में रखें । इसका स्वाद और Fragrance बरकरार रहेगा।
3) एक साल के भीतर काली मिर्च का उपयोग कर लेना चाहिए और पिसी हुई मिर्च का कुछ महीनों के भीतर, तभी इसका स्वाद बेहतर मिलेगा।
सेहत का रखवाला
1) काली मिर्च पाउडर को हल्दी पाउडर के साथ उबालकर दूध पीने से सर्दी जुकाम में राहत मिलती है।
2) काढ़ा बनाते समय भी इसका प्रयोग अवश्य करना चाहिए। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता ठीक होती है।
3) काली मिर्च पाचन के लिए भी अच्छी मानी जाती है। यह शरीर को डिटॉक्सिफाई भी करती है और पेट व आंतों को साफ करती है।
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