सेहत की बात: कहीं आपकी हार्ट बीट ज्यादा या कम तो नहीं?

इससे गंभीर समस्याओं का हो सकता है खतरा, रहें सावधान

Update: 2023-06-04 18:03 GMT
जनता से रिश्ता वेब्डेस्क हृदय, शरीर के सबसे महत्वपूर्ण और संवेदनशील अंगों में से एक है, जिसके विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। इस अंग में होने वाली कोई भी समस्या गंभीर और जानलेवा जटिलताओं का कारण बन सकती है। हृदय गति बढ़ने या घटने की समस्या भी ऐसी ही खतरनाक है, मेडिकल की भाषा में इस एट्रियल फाइब्रिलेशन (एएफआईबी) कहा जाता है। अनियमित रूप से दिल के धड़कने की समस्या कुछ लोगों में तो किसी भी समस्या का कारण नहीं बनती है, जबकि कुछ लोगों में यह स्ट्रोक और दिल के दौरे से लेकर हार्ट फेलियर तक के जोखिमों को बढ़ाने वाली हो सकती है।
सामान्यतौर पर हमारा दिल एक मिनट में 60-100 बार तक धड़कता है, हालांकि कुछ स्थितियों जैसे बहुत खुशी-दुख, सरप्राइज की स्थिति में यह गति बढ़ सकती है। पर यदि अक्सर ही आपके दिल की धड़कन बढ़ी या कम रहती है तो इसके कारण गंभीर समस्याओं का खतरा हो सकता है, जिसको लेकर सभी लोगों को सावधानी बरतते रहने की सलाह दी जाती है।
दिल की धड़कनों में अनियमितता के कई कारण हो सकते हैं, जिनपर ध्यान दिया जाना चाहिए। कुछ स्थितियों में यह शरीर में किसी गंभीर समस्या का भी संकेत हो सकती है।
दिल का दौरा पड़ना या अगर पहले हार्ट अटैक हुआ है तो भी इसका जोखिम हो सकता है।
हृदय की धमनियों में रुकावट (कोरोनरी आर्टरी डिजीज)
हृदय की संरचना में परिवर्तन जैसे कार्डियोमायोपैथी की समस्या।
मधुमेह- उच्च रक्तचाप की समस्या।
COVID-19 से संक्रमण के कारण भी हो सकती है ये दिक्कत।
आइए जानते हैं कि दिल की धड़कन अगर अनियमित रह रही है तो इसके लिए क्या किया जाना चाहिए?
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