क्या आप करने लगे हैं मटके का इस्तेमाल, गर्मियों में अमृत के समान होता हैं इसका पानी

गर्मियों में अमृत के समान होता हैं इसका पानी

Update: 2023-08-30 10:46 GMT
गर्मियों का मौसम शुरू हो चुका है। ऐसे में कई लोग गर्मी दूर भगाने और शरीर को ठंडक पहुंचाने के लिए फ्रिज में रखे पानी का सेवन करना भी शुरू कर चुके है। गर्मियों में फ्रिज का ठंडा पानी सभी को अच्छा लगता है, लेकिन आज भी कुछ लोग देसी फ्रिज यानि मटके का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं। ठंडे पानी के लिए मटके का इस्तेमाल करना फ्रिज के मुकाबले बेहतर रहता हैं। फ्रिज का ठंडा पानी कई तरह की समस्याएं पैदा करता है, लेकिन मटके का ठंडा पानी कई प्रॉब्लम्स को दूर भगाता है। आयुर्वेद में घड़े के पानी को अमृत के समान बताया गया है जो औषधीय तत्वों से भरपूर होता है और सेहत को कई फायदे पहुंचाता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे है कि फ्रिज के मुकाबले मटके का पानी क्या फायदे पहुंचाता हैं। आइये जानते हैं इसके बारे में...
लू से बचाएं
चिलचिलाती गर्मी के महीनों में सनस्ट्रोक एक आम समस्या है जो ज्यादातर महिलाओं को परेशान करती है। मटके का पानी तेज गर्मी में लू से बचाने में मदद करता है। मिट्टी के बर्तनों में पानी रखने से पानी के विटामिन और मिनरल्स शरीर के ग्लूकोज लेवल को बनाए रखते हैं। जिससे शरीर को ठंडक मिलती है।
पाचन तंत्र को रखे दुरुस्त
मटके का पानी पेट के लिए भी फायदेमंद होता है। दरअसल, मिट्टी के बर्तन में रखा पानी नैचुरली एल्कलाइन होता है, जिससे पीएच संतुलन को बनाए रखने में मदद मिलती है। रोजाना मटके का पानी पीने से पेट में गैस, कब्ज और एसिडिटी जैसी पाचन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।
नियमित रूप से घड़े का पानी पीने से व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा मिलता है। प्लास्टिक की बोतल मे पानी रखने से उसमें अशुद्धियां इक्कठी हो जाती हैं और पानी अशुद्ध हो जाता है। वहीं घड़े मे पानी स्टोर करके पीने से शरीर मे टेस्टोस्टेरोन का लेवल बढ़ जाता है। मटके में जमा पानी में अधिक मिनरल्स जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस आदि होते हैं।
वजन कम करने में फायदेमंद
कई रिपोर्ट बताती हैं कि प्लास्टिक बोतल के पानी में मौजूद केमिकल शरीर में हॉर्मोन को असंतुलित करता है, जिससे फैट बढ़ सकता है। लेकिन मटके का पानी मेटाबॉलिज्म को तेज करता है। जिसके कारण फैट तेजी से बर्न होता है और आपको वेट लॉस में मदद मिलती है।
मेटाबॉलिज्म में करता है मदद
चूंकि प्लास्टिक की बोतलों में बीपीए जैसे जहरीले केमिकल्स होते हैं जो हार्मोन को बाधित करते हैं, जिससे वजन बढ़ता है और मेटाबॉलिज्म संबंधी बीमारियां होती हैं। मटका में जमा पानी में कोई जहरीला केमिकल नहीं होता है इसलिए यह प्लास्टिक की बोतलों का सबसे किफायती और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प है।
फ्रिज का पानी पीने से गले में खराश और खांसी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। जबकि, मटके का पानी बहुत ज्यादा ठंडा न होने के कारण गले को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाता है। सर्दी, खांसी और अस्थमा से पीड़ित लोगों को फ्रिज का ठंडा पानी पीने के बजाय मटके का पानी पीना चाहिए। इससे गले से संबंधित किसी तरह की समस्या नहीं होती है।
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करे
घड़े का पानी पीने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि मटके का पानी पीने से शरीर में बैड कॉलेस्ट्रोल की मात्रा कम होती है जिससे हार्ट अटैक की संभावनाएं भी कम हो जाती हैं।
दर्द से राहत पहुंचाए
मटके का पानी पीने से शरीर में दर्द की शिकायत दूर होती है। दरअसल, मिट्टी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो दर्द, ऐठन और सूजन की समस्या को कम करने में मददगार हैं। मटके का पानी पीने से अर्थराइटिस की बीमारी में भी लाभ मिलता है।
स्किन से जुड़ी बीमारी दूर करे
जिन लोगों को त्वचा से जुड़े रोग रहते हैं उन्हें मटके का ही पानी पीना चाहिए। इससे त्वचा संबंधी कई परेशानियों को दूर भगाया जा सकता है। घड़े का पानी पीने से फोड़े, फुंसी और मुंहासे में भी आराम मिलता है और त्वचा में निखार आता है।
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