क्या आपका बच्चा भी बोलने लगा हैं झूठ, जानें इसके कारण और आदत में सुधार के तरीके
कारण और आदत में सुधार के तरीके
बच्चों को अपनी मासूमियत के लिए जाना जाता हैं जहां उनमें इतनी समझ नहीं होती हैं कि उनका लिया गया फैसला सही है या गलत यह उन्हें पता चल सके। यही कारण है कि कई बच्चे जाने-अंजाने कुछ बुरी आदतों के भी शिकार हो जाते हैं। ऐसे में पेरेंट्स का फर्ज होता है कि उन्हें सही और गलत की पहचान करवाएं। पेरेंट्स ही बच्चों को सिखाते हैं कि क्या उनके लिए ठीक है और क्या नुकसान पहुंचा सकता है। अक्सर देखने को मिलता हैं कि बच्चे झूठ बोलना शुरू कर देते हैं जो कि अच्छी बात नहीं हैं। ऐसे में आपको इसके पीछे के कारणों को जानते हुए बच्चों को समझाने की जरूरत हैं ताकि उनके झूठ बोलने की आदत को ठीक किया जा सकें। आइये जानते हैं इसके बारे में...
बच्चे झूठ क्यों बोलते हैं?
डांट के डर से बच्चे लेते हैं झूठ का सहारा
अगर आप बच्चों को डांटते या मारते हैं तो बच्चे आपसे खुलकर बात नहीं करेंगे और बातों को छुपाने के लिए झूठ का सहारा लेने लगेंगे। किसी भी बात को समझाने के लिए आप हिंसक व्यवहार का सहारा न लें। अपनी बात स्पष्ट और सही ढंग से बच्चे के सामने रखें। आपको लगता है कि बच्चे ने झूठ बोला है तो उसके पक्ष की बात भी सुनें और गलती होने पर बच्चे को प्यार से समझाएं।
सामने वाले को भ्रमित करने के लिए
बच्चे बातों को छिपाने के लिए सामने वाले को बहकाने और भ्रमित करने के लिए भी झूठ बोलते हैं। जैसे किसी गेम को न खेलने का दावा या किसी सामान को न छूने का दावा करना। इस दौरान बच्चे आंख में आंख डालकर झूठ बोलते हैं, ताकि सामने वाला उनकी बात पर भरोसा कर ले।
आपको देखकर सीख सकते हैं झूठ बोलना
कई बार माता-पिता की बुरी आदत को बच्चे अपने स्वभाव का हिस्सा बना लेते हैं। अगर आपने कभी किसी कारण से झूठ बोला है तो बच्चे उसे रिपीट कर सकते हैं। बच्चों के लिए माता-पिता उनके आईडल होते हैं। वे अपने माता-पिता को देखकर ही हरकत या आदत को दोहराते हैं। बच्चे के सवाल पूछने पर उसे सही जवाब दें। कई बार हम बच्चों को टालने के लिए झूठ बोल देते हैं और बच्चे हमारी इस आदत को अपना लेते हैं।
चोरी छिपाने के लिए भी झूठ बोलते हैं बच्चे
जो बच्चे झूठ बोलते हैं उनमें चोरी की आदत भी हो सकती है। चोरी का आशय चीजों को चुराने से ही नहीं, बल्कि बातें छुपाने से भी है। अगर आपका बच्चा झूठ बोलता है तो हो सकता है वो आपसे कुछ छिपाना चाहता हो। अगर बच्चे का पुराना झूठ पकड़ा जाता है, तो उसे सही साबित करने के लिए भी वह नए झूठ बोल सकता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि बच्चा चाहता है कि सामने वाले का विश्वास उस पुराने झूठ पर बरकरार रहे। ऐसी स्थिति में बच्चे से बात करें और यह जानने की कोशिश करें कि आपके बच्चे को आपसे बातें छिपाने की जरूरत क्यों पड़ रही है।
बच्चों को झूठ बोलने से कैसे रोकें
रोल मॉडल बनें
बच्चे अपने पेरेंट्स से ही सब कुछ सीखते हैं। ऐसे में आप उनके रोल मॉडल होते हैं। बच्चों में झूठ बोलने की आदत न हो इसके लिए आपको भी इस बात को ध्यान रखना चाहिए कि आप उनके सामने झूठ न बोलें। अगर आप ऐसा करते हैं तो आप ही बच्चे के झूठ बोलने के जिम्मेदारद हैं।
हर गलती पर ना दें सजा
पैरेंट्स अक्सर बच्चों की हर छोटी-बड़ी गलती को सुधारने के लिए उन्हें सजा देना बेहतर समझते हैं। मगर, इससे बच्चों में डर पैदा हो जाता है और बच्चे अक्सर अपनी गलतियों को छुपाने के लिए झूठ बोलना शुरू कर देते हैं। साथ ही बच्चों का कोई झूठ पकड़ा जाने पर उन्हें सजा देने के बजाए झूठ बोलने का कारण जानने की कोशिश अवश्य करें।
करवाएं एक्स्ट्रा काम
अगर आपका बच्चा झूठ बोलते हुए पकड़ा जाता है तो उससे सजा के तौर पर कोई एक्स्ट्रा काम करवाएं। जैसे कि बच्चे से उसकी कोई पसंद की चीज छीनने की बजाय, उससे घर का कोई काम करवाएं। इस बात का ध्यान रखें कि सजा उचित ही होनी चाहिए। ऐसा न हो कि झूठ बोलने पर बच्चे को गलत सजा देने का बुरा असर भी बच्चे पर ही पड़ेगा। हद से ज्यादा गुजरने की कोशिश न करें। इससे बच्चा अपने पेरेंट्स के बारे में ही गलत सोच सकता है।
सच्चाई की कद्र करें
जब आपका बच्चा आखिरकार आपको सच बताने का साहस जुटाता है, तो सुनिश्चित करें कि आप उसे स्वीकार करें और उसे बिना जज किए उसकी बात सुनकर उसकी सराहना करते हैं। हालांकि इस बात को भी साथ में समझाएं की उसे ऐसा क्यों नहीं करना चाहिए।
मुश्किल में साथ दें
बच्चे जब कभी भी आपसे अपनी परेशानी साझा करें, तो उन्हें उनकी गलती पर फटकारने के बजाए उनके साथ बैठ कर समस्या का समाधान खोजने की कोशिश करें। इससे बच्चे हर मुश्किल घड़ी में आपको सब कुछ सच बता कर मदद मांगने में नहीं हिचकिचाएंगे।
तारीफ करना न भूलें
बच्चों का दिल बहुत मासूम और नाजुक होता है। जहां आपके डांटने पर वो रोने लगते हैं, तो वहीं आपकी छोटी-सी तारीफ से भी उनके चेहरे पर मुस्कान आ जाती है और वो मोटिवेट होते हैं। जब आपका बच्चा सच बोलता है तो उसकी तारीफ करें। उसे बताएं कि इस बात के बारे में सच बोलना कितना मुश्किल था, लेकिन आपको खुशी है कि उसने सच बोला।