बालों का गिरना महिलाओं के मेंटल हेल्थ ,को करता है प्रभावित जानिए

क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट शोभिका जाजू का कहना है कि उनके पास ऐसे कई कस्टमर आते हैं, जिनके बाल हल्के या सफेद हो गए हैं और इनके कारण उन्हें साइकोथेरेपी लेनी पड़ी है।

Update: 2021-11-25 10:39 GMT

बालों का गिरना महिलाओं के मेंटल हेल्थ ,को करता है प्रभावित जानिए 


जनता से रिश्ता वेबडेस्क। क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट शोभिका जाजू का कहना है कि उनके पास ऐसे कई कस्टमर आते हैं, जिनके बाल हल्के या सफेद हो गए हैं और इनके कारण उन्हें साइकोथेरेपी लेनी पड़ी है। उन लोगों का कहना है कि इन सभी दिक्कतों के कारण वे अक्सर पब्लिक गैदरिंग में कम कॉन्फिडेंट महसूस करते हैं, और दोस्तों और परिवार के सामने भी।
वास्तव में, हम ऐसी कम ही महिलाओं से मिलते हैं, जो अपने बालों से संतुष्ट हैं। आप जब भी अपने सर्कल में या दोस्तों के साथ बालों से जुड़ी समस्याओं के बारे में बात करती हैं, तो यह डिस्कशन का टॉपिक बन जाता है। हम इन्हें कई बार आम समस्याएं समझकर टाल देते हैं तो कई बार ऐसा भी होता है कि ये हमारे जहन में बैठ जाती हैं।
अपनी अपीयरेंस को हम खुद पर इतना हावी कर लेते हैं कि यह हमारी मानसिक शांति को ही छीन लेता है। इसलिए महिलाएं अक्सर इनके कारण तनाव और दबाव का सामना करती हैं-
ब्यूटी स्टैंडर्ड और महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर उनका प्रभाव
हम कैसे दिखते हैं, इस आधार पर कोई भी कैसे डिसाइड कर सकता है कि हम असल कौन हैं और हमारी पर्सनैलिटी क्या है। साइकोलॉजिस्ट कहती हैं, "मैंने खुद डिलीवरी के बाद बाल गिरने की दिक्कतों का सामना किया है और मेरे जीन्स के कारण मेरे बाल हल्के हैं।"
यह कहने की जरूरत नहीं है कि बालों का झड़ना महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले महत्वपर्ण कारकों में से एक है। और ऐसा इसलिए होता है क्योंकि महिलाओं के लिए पहले से कुछ ब्यूटी स्टैंडर्ड डिसाइज किए गए हैं कि उनके बाल लंबे, घने, काले और सुंदर ही होने चाहिए।
वहीं, यह बात पुरुषों के लिए बिल्कुल नॉर्मल है। पुरुषों में पैटर्न बाल्डनेस होना बहुत आम है, और इसे नॉर्मलाइज किया जा चुका है। अगर वो चाहे तो अपनी मर्जी से गंजे हो सकते हैं, बाल लंबे रख सकते हैं या फिर समय के साथ और उम्र बढ़ने के कारण भी अगर उनके बाल गिरने लगते हैं तो यह भी नॉर्मल है। इसके लिए उन्हें किसी के सामने शर्मिंदा नहीं होना पड़ता।
लेकिन जब बात महिलाओं की हो, तो उनके लिए गंजापन या उनके बालों का गिरना और सफेद होना वर्जित है। उन्हें अपनी बॉडी को ऐसे ही स्वीकार करने की इजाज़त नहीं दी गई है जैसे कि यह है।
बालों का गिरना और मानसिक स्वास्थ्य
महिलाओं में बालों के झड़ने की समस्या को ट्रीट न किया जाए तो यह कई तरह की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण हो सकती हैं। यह बॉडी इमेज से जुड़ी समस्याएं, डिप्रेशन, एंगजायटी, सुसाइडल विचार आना आदि को जन्म दे सकता है। बालों के झड़ने के कारण इमोशनल डिस्ट्रेस होने से आपके आत्म-सम्मान में कमी आ सकती है। साथ ही यह सेल्फ-एक्सेप्टेंस को भी कम कर सकता है।
कई लोगों के लिए उनके बाल खोना उनकी पहचान खोने के बराबर होता है। बालों के झड़ने का कारण नहीं जान पाने से उनकी एंगजायटी और बढ़ सकती है, और अक्सर यह सोशल एंगजायटी होती है। इसके चलते, वे अपनों और परिजनों से दूरी बनाने लगते हैं और अकेलेपन का शिकार हो जाते हैं।
बालों के झड़ने से जुड़े नकारात्मक प्रभावों में सामाजिक आइसोलेशन, अपने काम और पेशे से दूर होना, इंटिमेट रिलेशन में दूरी आना आदि शामिल हैं।
बालों के झड़ने से होने वाली एंगजायटी से कैसे बचें
अगर आप बालों के झड़ने की समस्या से जूझ रहे हैं और इसके कारण भावनात्मक उथल-पुथल का सामना कर रहे हैं, तो आपको एक मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल और डर्मैटोलॉजिस्ट से कंसल्ट करने की जरूरत है। डर्मैटोलॉजिस्ट बालों के झड़ने के कारण की जांच करेंगे और किसी भी जरूरी ट्रीटमेंट में आपकी मदद करेंगे।
वहीं, मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट किसी भी तनाव से निपटने में आपकी सहायता करेगा जो बालों के झड़ने का कारण हो सकता है और उस तनाव से निपटने में भी मदद करेगा जो बालों के झड़ने के कारण हो रहा है।
इससे आप खुद को यह भी याद दिला पाएंगे कि बालों का झड़ना, कितना ही दुर्भाग्यपूर्ण क्यों न हो, लेकिन यह जीवन के लिए खतरा नहीं है और इससे निपटने के तरीके मौजूद हैं। आपको केवल सही गाइड की जरूरत है। आपको केवल अपना ध्यान पॉजिटिव तरीकों पर लगाना है।
हम आशा करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। अगर आप किसी विषय पर हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो हमें आपके सवालों के जवाब देने में खुशी होगी। आप हमें अपने सवाल कमेंट बॉक्स में लिख सकती हैं।


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