Gandhi Jayanti 2021 : बापू के इन विचारो से हर व्यक्ति को लेनी चाहिए प्रेरणा, जानें महात्मा गांधी के अनमोल विचार

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 October 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. महात्मा गांधी असाधारण व्यक्तित्व के धनी होने के साथ एक निष्काम कर्मयोगी और युगपुरुष थे

Update: 2021-10-02 02:08 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 October 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. महात्मा गांधी असाधारण व्यक्तित्व के धनी होने के साथ एक निष्काम कर्मयोगी और युगपुरुष थे. भारत के स्वतंत्रता संग्राम का उन्हें सूत्रधार माना जाता है. लोग महात्मा गांधी को प्यार से बापू और राष्ट्रपिता के नाम से संबोधित करते हैं और हर साल 2 अक्टूबर के दिन को गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) के रूप में मनाकर उन्हें याद करते हैं.

महात्मा गांधी ने अपने पूरे जीवनकाल में सत्य और अहिंसा का पालन किया. इसलिए संयुक्त राष्ट्र ने 15 जून 2007 को महात्मा गांधी के सम्मान में हर साल 2 अक्टूबर के दिन को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस (International Day of Non-Violence) के रूप में भी सेलिब्रेट करने का ऐलान किया था. आज राष्ट्रपिता की जयंती के मौके पर उन्हें याद करते हुए आप भी पढ़ें उनके अनमोल विचारों को, जिनसे आपका पूरा जीवन संवर सकता है.
महात्मा गांधी के अनमोल विचार
1. आजादी का कोई अर्थ नहीं है यदि इसमें गलतियां करने की आजादी शामिल न हों.
2. व्यक्ति अपने विचारों के सिवाय कुछ नहीं है. वह जो सोचता है, वह बन जाता है.
3. पाप से घृणा करो पर पापी से नहीं, क्षमादान बहुत मूल्यवान चीज है.
4. ताकत शारीरिक शक्ति से नहीं आती है. यह अदम्य इच्छाशक्ति से आती है.
5. उफनते तूफ़ान को मात देना है तो अधिक जोखिम उठाते हुए हमें पूरी शक्ति के साथ आगे बढ़ना होगा.
6. कमजोर कभी क्षमाशील नहीं हो सकता है. क्षमाशीलता ताकतवर की निशानी है.
7. आपको मानवता में विश्वास नहीं खोना चाहिए. मानवता एक सागर के समान होती है. सागर की कुछ बूंदे गंदी हो जाने से पूरा सागर गंदा नहीं होता.
8. आप तब तक यह नहीं समझ पाते कि आपके लिए कौन महत्वपूर्ण है, जब तक आप उन्हें वास्तव में खो नहीं देते.
9. हम जो करते हैं और हम जो कर सकते हैं, इसके बीच का अंतर दुनिया की ज्यादातर समस्याओं के समाधान के लिए पर्याप्त होगा.
10. ऐसे जिएं कि जैसे आपको कल मरना है और सीखें ऐसे जैसे आपको हमेशा जीवित रहना है.
11. शांति का मार्ग सत्य का मार्ग है, सत्यता, शांतिमयता से भी अधिक महत्वपूर्ण है, वस्तुतः झूठ हिंसा का जनक है.
12. विश्वास को हमेशा तर्क से तौलना चाहिए, जब विश्वास अंधा हो जाता है तो मर जाता है.
13. स्वयं को जानने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है खुद को औरों की सेवा में लगा देना.
14. हम जिसकी पूजा करते हैं, उसी के समान हो जाते हैं.
15. किसी भी स्वाभिमानी व्यक्ति के लिए सोने की बेड़ियां, लोहे की बेड़ियों से कम कठोर नहीं होगी. चुभन धातु में नहीं वरन् बेड़ियों में होती है.


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