इस कारण नए वैरिएंट्स को माना जा रहा है अधिक खतरनाक, सितंबर तक बढ़ सकती है रोगियों की संख्या

Update: 2023-08-27 05:35 GMT

कोविड-19 : दुनिया के कई देशों में कोरोना के नए वैरिएंट्स के मामले तेजी से बढ़ते हुए रिपोर्ट किए जा रहे हैं। हाल ही में ओमिक्रॉन के दो नए वैरिएंट एरिस और BA.2.86 के मामले देखे गए हैं, अध्ययनों में इनकी संक्रामकता दर अधिक बताई जा रही है। इसके अलावा नए वैरिएंट्स में अतिरिक्त म्यूटेशनों के बारे में भी पता चला है जो इसे आसानी से शरीर में बनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को चकमा देने में सफल कर रही है। प्रारंभिक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने सचेत करते हुए सभी लोगों को कोरोना से बचाव के लिए उपाय करते रहने की सलाह दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना के नए वैरिएंट्स के कारण वैश्विक रूप से स्वास्थ्य जोखिम बढ़ता जा रहा है। नए वैरिएंट् की कुछ प्रकृति इसे खतरनाक बनाती है जिसको लेकर सभी लोगों को अलर्ट रहने की सलाह दी गई है। वैरिएंट्स में देखे गए अतिरिक्त म्यूटेशनों के लेकर सभी को अलर्ट किया गया है। अतिरिक्त म्यूटेशन इसे बना रहे हैं चिंताजनक प्रारंभिक अध्ययन की रिपोर्ट से पता चलता है कि नए BA.2.86 स्ट्रेन में 30 से अधिक म्यूटेशन देखे गए हैं, जो इसे पहले के वैरिएंट्स की तुलना में अधिक संक्रामकता वाला बनाते हैं। अतिरिक्त म्यूटेशन के कारण वायरस की प्रकृति पहले के वैरिएंट्स की तुलना में अलग प्रकार की हो सकती है। दुनियाभर की स्वास्थ्य एजेंसियां BA.2.86 की प्रकृति को बेहतर तरीके से समझने के लिए काम कर रही हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 17 अगस्त को इसे "वैरिएंट अंडर मॉनिटरिंग" के रूप में वर्गीकृत किया है, जिसमें इसकी प्रकृति पर गंभीरता से ध्यान दिया जा रहा है। क्या कहते हैं सीडीसी विशेषज्ञ? सीडीसी विशेषज्ञों ने बताया, हम यह समझने के लिए प्रयास कर रहे हैं कि नए वैरिएंट्स पहले की तुलना में कितने संक्रामक हो सकते हैं, यह उपचार के प्रति कितनी अच्छी प्रतिक्रिया देता है और यह लोगों को कितनी गंभीर रूप से प्रभावित करता है? प्रारंभिक स्तर पर जोखिमों के मूल्यांकन में कहा गया है, BA.2.86 उन लोगों में भी संक्रमण पैदा कर सकता है जिन्हें पहले कोरोना की वैक्सीन लग चुकी है या फिर जो पहले से संक्रमण के बाद शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित किए हुए हैं। एजेंसी इस बात का भी मूल्यांकन कर रही है कि सितंबर में आने वाली नए वैरिएंट्स को लक्षित करने वाली खास वैक्सीन कितना असरदार हो सकती है? और बढ़ सकती है अस्पताल में भर्ती लोगों की संख्या

सीडीसी द्वारा इस सप्ताह जारी पूर्वानुमान में इस बात की भी आशंका जताई गई है कि अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या सितंबर के मध्य तक बढ़ती रह सकती है। वर्तमान में, प्रतिदिन लगभग 1,800 लोग COVID-19 के साथ अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कोरोना के नए वैरिएंट्स के कारण गंभीर रोग विकसित होने का खतरा तो नहीं देखा जा रहा है, लेकिन अस्पतालों में बढ़ती लोगों की भीड़ स्वास्थ्य जोखिमों को बढ़ाने वाली जरूर हो सकती है। संक्रमण के मामलों के बढ़ने के साथ वैरिएंट्स में म्यूटेशन और नए वैरिएंट्स के सामने आने का जोखिम भी अधिक हो सकता है। वैरिएंट को समझने के लिए और अधिक शोध की जरूरत BA.2.86 के सबसे पहले पता लगाने वाले मिशिगन यूनिवर्सिटी के वायरोलॉजिस्ट एडम लॉरिंग कहते हैं, नया वैरिएंट ओमिक्रॉन का ही एक रूप है, ऐसे में इसके कारण अब तक की प्रकृति में विशेष बदलाव की आशंका फिलहाल कम है लेकिन इसमें देखे जा रहे अतिरिक्त म्यूटेशन जोखिमों को जरूर बढ़ाने वाले हो सकते हैं, जिसको लेकर सभी लोगों को अलर्ट रहने की जरूरत है। लॉरिंग कहते है, इसके कारण ओमिक्रॉन जैसी लहर की भी आशंका कम है पर किसी भी दावे के लिए हमें पहले इस वैरिएंट के बारे में और विस्तार से समझने की आवश्यकता है।

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