इन कारणों से West Bengal की राजधानी कोलकाता को कहा जाता है City of Palaces
विधानसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल में सत्ता के दोनों दावेदारों यानी टीएमसी और बीजेपी के बीच कई मुद्दों को लेकर बहस छिड़ी हुई है
इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल में सत्ता के दोनों दावेदारों यानी टीएमसी और बीजेपी के बीच कई मुद्दों को लेकर बहस छिड़ी हुई है. ऐसे में आज हम बात करेंगे की देशभर में पश्चिम बंगाल के राजधानी कोलकाता को City of Palaces क्यों कहा जाता है.
हुगली नदी के पूर्वी तट पर स्थित
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता को सिटी ऑफ पैलेस भी कहा जाता है, और सिटी ऑफ जॉय भी. जो हुगली नदी के पूर्वी तट पर स्थित है. 19 वीं शताब्दी के दौरान ब्रिटिश राज में बनाई गई इमारतों की संख्या के लिए कोलकाता को महलों के शहर के रूप में जाना जाता है. इन इमारतों को आज तक बनाए रखा गया है, और देश के समृद्ध इतिहास और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष के रूप में आर्किटेक्चर प्रूफ के तौर पर रखा है.
क्यों कोलकाता को City of Palaces कहा जाता है?
कोलकाता को इससे पहले कलकत्ता के नाम से जाना जाता था. जिसे अठारहवीं शताब्दी में गवर्नर-जनरल वारेन हेस्टिंग्स ने ब्रिटिश इंडिया की राजधानी के रूप में घोषित किया गया था. और कोलकाता ब्रिटिशों का केंद्र बन गया. जिसके चलते शहर वास्तुकला के तौर पर भी काफी आगे बढ़ा. यहां की इमारतों की बनावट रोमन, गॉथिक और मुगलों से भी कुछ हद तक प्रभावित हैं. ये इमारतें आज तक संरक्षित हैं, और इनमें से कुछ Heritage sites भी हैं.
Land of Black Diamond West Bengal
पश्चिम बंगाल में पश्चिम बर्धमान जिले में स्थित आसनसोल एक शहर है. भारत दुनिया के सबसे बड़े कोयला उत्पादकों में से एक है, और आसनसोल शहर देश के बड़े कोयला उत्पादकों में से एक है. यही कारण है कि हम बंगाली बोलने वाले लोगों को Land of Black Diamond कहते हैं. वहीं अब, ब्लैक डायमंड एक्सप्रेस नाम की एक ट्रेन भी कोलकाता और धनबाद के बीच चलती है. कोलकाता को 1985 के उपन्यास के कारण सिटी ऑफ जॉय के नाम से भी जाना जाता है.