शरीर में विटामिन C, D के अलावा इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए फॉलो करें ये डाइट

कोरोना संक्रमण से बचे रहने के लिए शरीर को पोषण देने और अपनी इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखना इस वक्त बहुत ही जरूरी है। तो इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए किन चीज़ों की वाकई बॉडी को जरूरत होती है इनके बारे में बात करेंगे।

Update: 2021-05-11 11:15 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पिछले साल कोविड-19 की शुरुआत के बाद से इम्यूनिटी को लेकर हर जगह बातें और चर्चाएं देखने-सुनने को मिली। और लोग इम्यूनिटी बढ़ाने को लेकर सजग भी हुए हैं। डाइट, एक्सरसाइज और सही नींद लेने जैसे हर एक उपाय जो उनके बस में करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन इसके साथ ही अगर इम्यूनिटी बढ़ाने का 'Z + A + C + D = प्रतिरक्षा' का सिंपल फॉर्मूला भी फॉलो करेंगे तो इम्यूनिटी बढ़ाना और उसे मेनटेन रखना और भी आसान हो जाएगा। इस बात के प्रमाण भी मिल रहे हैं कि बॉडी में जिंक, विटामिन ए, सी, और डी जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी सामान्य इम्यून सिस्टम को बिगाड़ सकती है और व्यक्ति कोविड -19 ही नहीं बल्कि इस जैसी दूसरी संक्रामक बीमारियों की भी चपेट में आ सकता है।

जिंक
जिंक, टिश्यू की अखंडता को बनाए रखते हुए वायरस के प्रवेश को बाधित करके मानव शरीर की रक्षा करने में मदद करता है। इसके अलावा, जिंक ज्ञात तौर पर वायरल रेप्लिकेशन को रोकता है। कोरोनावायरस, होस्‍ट सेल के चयापचय पर अत्यधिक निर्भर है। ऐसे मामलों में, जब जिंक वायरल गतिविधि को प्रतिबंधित करता है, तो यह होस्‍ट सेल के साथ वायरस के संलयन को रोकता है। इस माइक्रोन्यूट्रिएंट में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेटिव गुण भी होते हैं जो वायरस को कमजोर बनाते हैं, जिससे गंभीर रोगियों में देखी जाने वाली एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (ARDS) जैसी गंभीर प्रकृति की जटिलताओं को रोका जा सकता है।
विटामिन ए
विटामिन ए इम्यूनिटी को स्ट्रॉन्ग बनाने में मदद करता है। इस सूक्ष्म पोषक तत्व को एआरडीएस (ARDS) के रोगजनन में एक सुरक्षात्मक भूमिका के लिए जाना जाता है, जो गंभीर रूप से बीमार कोविड -19 रोगियों में देखी गई गंभीर जटिलताओं में से एक है। विटामिन ए को एंटीबॉडी प्रतिरक्षा के निर्माण के लिए जिम्मेदार माना जाता है।
विटामिन सी
विटामिन सी का सबसे बुनियादी कार्य एंटी-ऑक्सीकरण सुनिश्चित करना है, जो बदले में प्रतिरक्षा कोशिकाओं की गतिविधि और कार्य को बढ़ाता है। कोविड -19 रोगियों में, श्वेत रक्त कोशिका की गिनती को कम करना कमजोर प्रतिरक्षा का एक सामान्य संकेतक है। इस प्रकार, इस सूक्ष्म पोषक तत्व की कमी से संक्रमण की आशंका अधिक हो सकती है, जिससे वायरल श्वसन संबंधी समस्याओं और निमोनिया जैसी जटिलताओं का खतरा बढ़ जाता है। विटामिन सी की उच्च खुराक इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुणों को बढ़ाकर कोविड-19 रोगियों में साइटोकिन्स के विस्‍फोट को रोकती है। फेगोसाइट्स द्वारा आरओएस रिलीज के कारण विटामिन सी फेफड़ों की सूजन और चोट को भी कम करता है।
विटामिन डी
विटामिन डी एक स्टेरॉयड प्रो-हार्मोन है जो इम्यूनोमॉड्यूलेटरी, एंटी-इंफ्लेमेटरी एंटी-फाइब्रोटिक, और एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करता है। विटामिन डी एआरडीएस, एक्यूट लंग इंजरी (एएलआई), और अन्य श्वसन रोगों को रोकने के लिए कई तरीकों से मदद कर सकता है, जो कोविड-19 रोगियों में गंभीरता के प्राथमिक कारण हैं। यह विटामिन प्राकृतिक एंटीबायोटिक्‍स पैदा करने में मदद करता है जो वायरस के हमले से बचाव में पहली पंक्ति में होते हैं। इसके अतिरिक्त, यह एंजियोटेनसिन-कन्वर्जिंग एनजाइम 2 (ACE2) को अपग्रेड करने के लिए भी जाना जाता है, जो एंजियोफाइटिन -2 (ANG2) के उत्पादन को रोक देता है, जो कि सूजन और साइटोकॉमिक विस्‍फोट पैदा करने के लिए जिम्मेदार होता है।
कोरोनावायरस के मामलों में निरंतर वृद्धि के साथ, शरीर की सही पोषण आवश्यकताओं को समझना अनिवार्य है। माइक्रोन्यूट्रिएंट्स, प्रतिरक्षा कार्यप्रणाली को स्वस्थ बनाए रखने और कोविड-19 जैसे संक्रमणों से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कोविड-19 के लिए अतिसंवेदनशील उच्च जोखिम वाले समूहों में ये कमियां देखी गयी हैं। ऐसे में, हमारे दैनिक आहार को पर्याप्त सूक्ष्म पोषक अनुपूरक होना चाहिए, हालांकि इसका सेवन डॉक्टर या पोषण विशेषज्ञ के परामर्श से ही किया जाना चाहिए। तो, आइए Z, A, C, D के साथ इसे मात दें!


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