लिवर की बीमारियां संपूर्ण शरीर के लिए दिक्कतें बढ़ाने वाली हो सकती हैं। पेट और आंतों से निकलने वाला सारा खून लिवर से होकर गुजरता है। लिवर इस रक्त को संसाधित करने, पोषक तत्वों के अवशोषण, भोजन के पाचन को बढ़ावा देने के साथ कई प्रकार के हार्मोन्स भी रिलीज करता है। ऐसे में इस अंग में होने वाली किसी भी तरह की समस्या का असर पूरे शरीर को प्रभावित कर सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, युवाओं में बढ़ रही फैटी लिवर की समस्या काफी चिंताजनक है, इससे सभी लोगों को बचाव करते रहना चाहिए। फैटी लिवर की समस्या, उन लोगों को भी हो सकती है जो शराब नहीं पीते हैं।
फैटी लीवर डिजीज, जैसा कि इसके नाम से पता चलता है यह लिवर में वसा के निर्माण के कारण होने वाली समस्या है। इस बीमारी में लिवर के लिए सामान्य तरीके से काम कर पाना कठिन हो जाता है, जिसका असर संपूर्ण शरीर पर हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, हर आयु के लोगों को लिवर की सेहत को ठीक रखने पर गंभीरता से ध्यान देते रहना चाहिए, यह समस्या किसी को भी हो सकती है। आइए जानते हैं कि लिवर की इस बीमारी से बचाव के लिए किन बातों का ध्यान रखा जाना आवश्यक है?
क्यों होती है फैटी लिवर की समस्या?
फैटी लिवर डिजीज में, लिवर की कोशिकाओं में अतिरिक्त फैट जमा होने लगता है। वसा के इस प्रकार के जमाव के कई कारण हो सकते हैं। शराब का अधिक सेवन करने वालों में इस तरह की समस्याओं के जोखिम अधिक होता है। वहीं, आहार और लाइफस्टाइल में गड़बड़ी के कारण बिना शराब का सेवन किए भी आपमें इस समस्या का जोखिम हो सकता है।
मोटापा, टाइप-2 डायबिटीज, इंसुलिन प्रतिरोध, रक्त में ट्राइग्लिसराइड्स की अधिकता और मेटाबॉलिक सिंड्रोम जैसी समस्याओं के कारण भी फैटी लिवर डिजीज होने का खतरा हो सकता है। इसके लिए आहार और दिनचर्या को ठीक रखना बहुत आवश्यक माना जाता है।