अंडे: इस्कीमिक हार्ट डिज़ीज़ में दोस्त हैं या दुश्मन
अंडे नाश्ते की सबसे ज़्यादा पसंदीदा चीज़ों में एक हैं, जो प्रोटीन के साथ ही ओमेगा-3 सहित दूसरी कई तरह के फैट्स से भरपूर होते हैं. हालांकि, हमारे दिमाग़ में हमेशा ही यह सवाल रहा है कि “अंडे सेहत के लिए अच्छे होते हैं या ख़राब?”
जनता से रिश्ता।अंडे नाश्ते की सबसे ज़्यादा पसंदीदा चीज़ों में एक हैं, जो प्रोटीन के साथ ही ओमेगा-3 सहित दूसरी कई तरह के फैट्स से भरपूर होते हैं. हालांकि, हमारे दिमाग़ में हमेशा ही यह सवाल रहा है कि "अंडे सेहत के लिए अच्छे होते हैं या ख़राब?"(1)
आपकी नज़र हमेशा इसपर टिकी रहती है कि आप क्या खा रहे हैं. ख़ासकर अगर आपIHD यानी इस्कीमिक हार्ट डिज़ीज़ से प्रभावित हैं. खानपान से जुड़ी पाबंदियां आपको इसी उलझन में डाले रहती हैं कि कितना खाएं तो सही रहेगा और कितना खाना ज़्यादा कहा जाएगा.(1-2)
अगर आप IHD से प्रभावित हैं तो ये आर्टिकल आपको अंडों में मौजूद नुट्रीएंट्स के बारे में जानकारी देगा और अंडों को अपने खानपान में शामिल करने के फ़ायदे नुक़सान समझने में भी आपकी मदद करेगा.
IHD क्या?
IHD दिल की एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें धमनियां ऑक्सीजन युक्त ख़ून को दिल तक नहीं पहुंचा पातीं. इसकी वजह यह होती है कि प्लाक के जमाव की वजह से धमनियां संकरी या सख्त हो जाती हैं. प्लाक एक तरह का मोम जैसा पदार्थ होता है. यह धमनियों की दीवारों से चिपक जाता है, जिससे ख़ून के बहाव में रुकावट आती है.(2) धमनियों में प्लाक जमा होने की वजह आपके ख़ून में ख़राब कोलेस्ट्रॉल का लेवल ज़्यादा बढ़ जाना हो सकती है.(3) ज्यादातर मामलों में इसके लक्षण आसानी से पहचान में नहीं आते हैं. और अगर इस कंडीशन का समय रहते पता ना चले तो आप हार्ट अटैक या हार्ट फ़ेलियर का शिकार हो सकते हैं. IHD के लिए आपके डॉक्टर दवाओं के अलावा आपको दिल के लिए हेल्दी रहने वाली लाइफ़स्टाइल अपनाने की भी सलाह देंगे.(2)
अंडों में क्या-क्या होता?
अंडों में कई हेल्दी नुट्रीएंट्स होते हैं जो आंखों, दिमाग़ और नसों के लिए अच्छे होते हैं.(3) इनमें विटामिन ए, बी और डी होते हैं. इनमें प्रोटीन तो होता ही है, ज़र्दी कहे जाने वाले इसके पीले भाग में कोलेस्ट्रॉल होता है. एक बड़े अंडे में 210 मिलीग्राम कोलेस्ट्रॉल, 6 ग्राम प्रोटीन और क़रीब 6 ग्राम सैचुरेटेड फैट होता है. साथ ही इसमें आंखों को फ़ायदा पहुंचाने वाले ज़ेक्सैन्थिन और ल्यूटिन और नर्व के लिए फ़ायदेमंद कोलीन भी होता है. अंडों में फॉस्फोलिपिड और कैरोटीनॉयड भी पाया जाता है.(5)
क्या अंडे हमारे ख़ून में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ाते हैं?
साइंटिफ़िक रिसर्च स्टडी इशारा करती हैं कि कोलेस्ट्रॉल हमारे लिवर में तैयार होकर हमारे ख़ून में जाता है. यानि हम जो खाते हैं, ख़ून को उससे कोलेस्ट्रॉल नहीं मिलता. लिवर हमारे खाने से सैचुरेटेड फैट और ट्रांस फैट लेकर उसे कोलेस्ट्रॉल में बदल देता है. एक बड़े अंडे में भी सैचुरेटेड फैट बहुत ही थोड़ी मात्रा में होता है. इस तरह, स्टडीज़ के मुताबिक़, हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ाने के पीछे अंडों का कोई हाथ नहीं होता. स्टडीज़ के मुताबिक़, अगर आप रोज़ एक अंडा खाते हैं तो इससे आपके ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ने वाला.(3) दरअसल, आपके ब्लड में कोलेस्ट्रॉल लेवल अंडों से नहीं बल्कि इसके साथ खाए जाने वाले मक्खन और चीज़ वगैरह की वजह से बढ़ता है.(1),(3)
अंडों और IHD के बीच क्या संबंध है?
अलग-अलग इलाके के लोगों के साथ की गई कई क्लिनिकल स्टडीज़ में यह बात सामने आई है कि खाने से मिलने वाले कोलेस्ट्रॉल और कोरोनरी इवेंट्स के रिस्क के बीच संबंध होता है. लेकिन किसी भी स्टडी में यह नहीं साबित हुआ कि अंडे खाने से दिल का दौरा, स्ट्रोक या दूसरी दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है.(1,2,3) बल्कि कुछ स्टडीज़ तो यहां तक कहती हैं कि अंडा खाना दिल के लिए फ़ायदेमंद होता है. अंडे में मौजूद अच्छी क्वालिटी का प्रोटीन सूजन, ऑक्सीडेशन और एथेरोस्क्लेरोसिस से बचने में अहम रोल अदा करता है.(4,5) स्टडीज़ यही इशारा करती हैं कि खानपान में अंडा शामिल करने और IHD का जोखिम बढ़ने के बीच बहुत थोड़ा बल्कि ना के बराबर संबंध है.(4-6,1)
कुल मिलाकर, IHD में अंडों की भूमिका पर की रिसर्च के नतीजे यही राय देते हैं कि हम अंडों को अपने खानपान में शामिल कर सकते हैं. इससे हमारे दिल की सेहत पर कोई ख़ास असर नहीं पड़ता.(1-4-6) इस तरह अगर आप IHD से प्रभावित हैं, तब भी अंडे आपके दोस्त कहे जाएंगे, दुश्मन नहीं. ख़ासकर अगर इसे कम तादाद में खाया जाए.(4-6)
खैर, इस तरह यह तो साफ़ हो गया कि अंडा एक हेल्दी फ़ूड है और इसे दिल के लिए जोखिम नहीं समझा जाना चाहिए. अच्छी सेहत के लिए रोज़ाना एक अंडा खाने में कोई हर्ज नहीं है. लेकिन, अगर कहीं आप IHD के साथ ही डायबिटीज़ या दिल की किसी और कंडीशन से भी प्रभावित हैं, तब ज़रूर आपको इस बारे में अपने डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए.