वर्तमान समय में देखा जाता हैं कि कई लोगों की लाइफस्टाइल बहुत अव्यवस्थित हैं जिसमें ना खाने का पता हैं और ना ही सोने का। खाने और सोने की यह लापरवाही आपके शरीर को अंदर से खोंखला बना रही हैं और कई बीमारियों की जड़ बन सकती हैं। आज इस कड़ी में हम बात करते जा रहे हैं उन लोगों के बारे में जो खाना देर रात तक खाते हैं और इसके बाद सीधे सोने के लिए चले जाते हैं जो सेहत के लिए नुकसानदायक हैं। खाना खाएं और इसके बाद लेटने की बजाय टहलने की आदत डालें ताकि खाने को पचने में परेशानी ना हो। हम आपको आज बताने जा रहे हैं कि देर रात भोजन करना सेहत के लिए कैसे नुकसानदायक होता है।
शारीरिक परेशानी होना
देर रात खाना खाने से कई तरह की शारीरिक दिक्कतें हो सकती हैं। बेहतर सेहत के लिए जरूरी है कि आप शाम में 7 बजे से पहले अपना रात का खाना खा लेने की कोशिश करें। अगर आप ऐसा करते हैं, तो आपकी बॉडी पर आपको खुद कई चमत्कार देखने को मिलेंगे, जैसे नींद सही आना, खाना ठीक से पच जाना, वजन कम होना, अगले दिन के लिए एनर्जी बनी रहना आदि।
डायबिटीज़ का खतरा
जैसा कि देर रात खाया जाने वाला भोजन आसानी से डायजेस्ट नहीं हो पाता । इसीलिए, शरीर में कोलेस्ट्रॉल, ट्राईग्लिसराइड्स और इंसुलिन का स्तर बढ़ जाता है। ज़्यादा इंसुलिन और कोलेस्ट्रॉल लेवल से डायबिटीजड का खतरा बढ़ जाता है।
हार्ट अटैक का खतरा
रात में ब्लड प्रेशर का स्तर कम रहना चाहिए। लेकिन, जब कोई देर रात खाना खाता है तो कोलेस्ट्रॉल का लेवल खुद ब खुद बढ़ जाता है। इससे, ब्लड प्रेशर लेवल भी प्रभावित होता है। अगर, रात के समय ब्लड प्रेशर ज़्यादा देर या लम्बी अवधि तक हाई रहता है तो, इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
हो सकती है हाई बीपी की शिकायत
देर रात खाने से लोगों में हाई बीपी की शिकायत भी हो सकती है। रात को खाना खाने के कम से 2 घंटे बाद बिस्तर पर जाना चाहिए। लेकिन अगर आप खाना ही देर में खाएंगे तो तुरंत बिस्तर पर चले जाएंगे। जो आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है।
मोटापा और वजन बढ़ना
जो लोग बहुत देर रात तक खाते रहते हैं या जो बहुत देर रात डिनर करते हैं। उन्हें, मोटापा बढ़ने का खतरा सबसे अधिक होता है। इस आदत की वजह से लोगों का वजन तेज़ी से बढ़ता है। विभिन्न स्टडीज़ में भी यह बात कही गयी कि देर रात खाया जाने वाले भोजन को शरीर ठीक तरीके से पचा नहीं पाता। इसीलिए, यह भोजन केवल फैट के तौर पर शरीर में जमा होता है। जिससे वजन बढ़ने और मोटापे जैसी स्थितियां बनती हैं। जो हमारे शरीर को अंदर ही अंदर कई बीमारियों से घेर लेता है।
मेटाबॉलिज्म होने लगता है कमजोर
यदि आप हेल्थ के प्रति जागरूक रहते हैं तो आपने कई लोगों से मेटाबॉलिज्म के धीमा होने या तेज होने की बात सुनी ही होगी। किन्तु क्या आप मेटाबॉलिज्म का सही अर्थ जानते हैं। मेटाबॉलिजम का अर्थ शरीर की फैट को बर्न करने की क्षमता से है। जिस व्यक्ति का मेटाबॉलिज्म तेज होता है उसका शरीर तेजी फैट को बर्न करता है। और जिसका मेटाबॉलिज्म कमजोर होता है उसका शरीर फैट को तेजी से बर्न नहीं कर पाता है।