इंडियन ब्लैकबेरी को खाने से होता है फायदा, कंट्रोल में रहती डायबिटीज, चेहरे पर आता निखार
डायबिटीज, चेहरे पर आता निखार
कहा जाता है जामुन भारत के हर जिले में पैदा होता है। जामुन के सेवन से शरीर को बहुत फायदे होते हैं। जामुन को ब्लैकबेरी या ब्लैक प्लम के नाम से भी जाना जाता है और यह दक्षिण एशिया में एक लोकप्रिय फल है। जामुन का फल जितना अधिक पोषक होता है, वहीं जामुन के बीज भी शरीर के लिए रामबाण दवा से कम नहीं होते हैं। इंडियन ब्लैकबेरी यानी 'जामुन' काले बेर के रूप में भी जाना जाता है। इसका स्वाद खट्टा-मीठा होता है। ये सिर्फ खाने में ही स्वादिष्ट नहीं होता, बल्कि इसके कई सौंदर्य और स्वास्थ्य लाभ भी हैं। साथ ही, इस फल में असंख्य औषधीय गुण होते हैं, जो कई बीमारियों का इलाज कर सकते हैं। मुंहासों और काले धब्बों को ठीक करने से लेकर कब्ज तक, यह कई बीमारियों के लिए कारगर है। आइए डालते हैं एक नजर जामुन के बीज खाने से होने वाले फायदों पर—
डायबिटीज कंट्रोल
जामुन के बीजों को दवा के रूप में सेवन करने से मधुमेह की बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है। जामुन के बीजों में जम्बोलिन होता है, जिसके बारे में माना जाता है कि इसमें हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव होता है, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह इंसुलिन लेवल में सुधार करता है।
वजन घटाने में सहायक
जामुन के बीज वजन घटाने में मददगार होते हैं। जामुन के बीच में कम कैलोरी और बहुत अधिक फाइबर होता है। यह भूख को कम करने में भी मददगार होते हैं। जामुन के बीजों में मोटापा-रोधी गुण भी होते हैं जो वजन बढ़ाने और मोटापे से संबंधित स्थितियों को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।
पाचन स्वास्थ्य
जामुन के बीजों के पाचन संबंधी लाभ होते हैं। इसमें फाइबर ज्यादा होने के कारण मल त्याग की परेशानी दूर होती है। जामुन के बीजों में कार्मिनेटिव गुण होते हैं, जो पेट फूलना, अपच और अन्य पाचन विकारों को दूर करने में मदद करते हैं।
त्वचा के लिए फायदेमंद
जामुन के बीज एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। फ्लेवोनोइड्स और पॉलीफेनोल्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट तत्व त्वचा को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं। जामुन के बीजों का नियमित सेवन त्वचा को जवां बनाए रखने में मदद करता है।
कोलेस्ट्रॉल रहता है नियंत्रित
जामुन के बीज का पावडर नियमित सेवन करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रहता है। यह खून में अच्छे HDL कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है और बैड कोलेस्ट्रॉल LDL को घटाता है। जामुन के बीजों में हाइपोटेंशन गुण होते हैं, जो ब्लड प्रेशर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।
मुंहासों में है उपयोगी
जामुन के बीज मुंहासों के इलाज के लिए सबसे अच्छा उपाय हैं। इसके लिए जामुन के कुछ सूखे बीजों को पीसकर उसमें थोड़ा सा गाय का दूध मिलाएं। इसे अच्छी तरह से मिलाकर इसका पेस्ट तैयार कर लें। इस पेस्ट को रात को सोने से पहले अपने पिंपल्स पर लगाएं। अगली सुबह इसे धो लें। याद रखें, आपके पिंपल्स का इलाज रातों-रात नहीं किया जा सकता है। परिणाम कुछ समय बाद ही दिखाई देंगे। ऐसे में, बेहतर रिजल्ट के लिए इसे नियमित रूप से करना होगा। इसके अलावा, जामुन के बीज का पाउडर, संतरे का पाउडर, बादाम के तेल की कुछ बूंदें, लाल मसूर की दाल व गुलाब जल का एक और मिश्रण तैयार कर सकते हैं। इस पेस्ट को अपने पूरे चेहरे पर लगाएं। 15 मिनट बाद ठंडे पानी से धो लें। इसका भी लाभ कुछ ही दिनों में दिखाई देगा।
तैलीय त्वचा के लिए है फायदेमंद
जामुन अपने स्वाद के कारण तैलीय त्वचा वाले लोगों के लिए भी अद्भुत काम करता है। जामुन का गुदा, जौ का आटा, आंवला का रस और गुलाब जल का उपयोग करके एक फेस मास्क तैयार करें। इस पैक को अपने चेहरे पर समान रूप से लगाएं और सूखने के बाद इसे धो लें। इसका नियमित प्रयोग आपकी तैलीय त्वचा को कंट्रोल में रखेगा।
क्या आपने काले धब्बे और पिगमेंटेड स्किन के कारण अपने घर से बाहर निकलना कम कर दिया है? तो अब और नहीं! इस जामुन पैक पर एक नजर डालें, जो आपके बदसूरत निशानों का इलाज करेगा। इसके लिए जामुन के बीज का पाउडर, नींबू का पाउडर और बेसन मिलाएं। इस सूखे मिश्रण में बादाम के तेल और गुलाब जल की कुछ बूंदें मिलाकर इसका पेस्ट बना लें। इसे अपने चेहरे पर लगाएं और इसे तब तक लगा रहने दें, जब तक यह पूरी तरह से सूख न जाए। फिर इसे ठंडे पानी से धो लें। कम से कम एक महीने तक लागातर इस फेस मास्क को चेहरे पर लगाएं, यकीनन आपको बेहतर रिजल्ट मिलेगा।
कमजोर मसूढ़ों-सांसों की बदबू को करता है ठीक
जामुन के पत्तों में जीवाणुरोधी गुण होते हैं और दांतों व मसूढ़ों की मजबूती के लिए दवा बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। वास्तव में, इसके पत्तों की राख टूथ पाउडर (मंजन) में आवश्यक तत्वों में से एक है और ये कमजोर मसूढ़ों के इलाज में प्रभावी है। जामुन के पत्तों की राख (सूखने और जलाने के बाद प्राप्त पाउडर) को बादाम के छिलके की राख के बराबर मात्रा में मिलाकर एक अच्छा मंजन बनता है। इसके नियमित प्रयोग से मसूढ़े और दांत मजबूत होते हैं। इस मंजन में थोड़ा सा पुदीना मिलाने से सांसों की दुर्गंध भी ठीक हो जाती है।
अपच को ठीक करता है
आयुर्वेद और यूनानी दवाओं के पारंपरिक ग्रंथों में इस बैंगनी फल का विशेष जिक्र है। इसका उपयोग दस्त, पेचिश और अपच सहित पाचन विकारों के इलाज के लिए किया जाता है। अगर आपको पाचन संबंधी समस्या है, तो आप जामुन का जूस पिएं या फिर जामुन के गूदे को दही में मिलाकर पिएं, निश्चित ही लाभ होगा।
खून को शुद्ध करता है
जामुन में पर्याप्त मात्रा में आयरन होता है। यह आपके रक्त को शुद्ध करता है, जिससे आपकी त्वचा साफ और सुंदर रहती है। साथ ही इसमें मौजूद आयरन हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में मदद करता है। यह फल महिलाओं के मासिक धर्म की समस्याओं को भी ठीक करने के लिए जाना जाता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि आयरन की मात्रा खून की कमी को पूरा करती है, जिससे महिलाएं स्वस्थ रहती हैं।
एनीमिया और थकान से लड़ता है
हम सभी जानते हैं कि, लाल रक्त कोशिकाएं हमारे शरीर के लिए कितनी महत्वपूर्ण हैं। जामुन में मौजूद आयरन एनीमिया से लड़ने में मदद करता है। यह शरीर की कमजोरी और थकान से भी राहत दिलाता है।
इम्यूनिटी बूस्टर भी है जामुन
यदि किसी व्यक्ति को लगता है कि, उसकी इम्यूनिटी दिन-ब-दिन कम होती जा रही है। क्या आपको बार-बार सर्दी-खांसी होती है? क्या आपको अक्सर हल्का या तेज बुखार रहता है? क्या आपको अक्सर टॉन्सिलिटिस के लिए डॉक्टर को दिखाना पड़ता है? फिर बस थोड़ा जामुन का गूदा लें, उसमें शहद व आंवला मिलाएं और इस पेस्ट को खाएं या पानी के साथ पिएं। इन सभी रोगों में जामुन बहुत लाभकारी है।
दिल को स्वस्थ रखता है
जी हां! अगर आप अपने लिए स्वस्थ दिल चाहते हैं, तो जामुन सबसे अच्छा फल है। जामुन पोटैशियम से भरपूर होने के कारण हाई ब्लडप्रेशर, स्ट्रोक, हाई कोलेस्ट्रॉल और हृदय संबंधी बीमारियों के इलाज में बहुत फायदेमंद है।