शास्त्रों में बताया गया है कि घर, कार्यस्थल या दुकान में लम्बे समय तक अंधकार नहीं रहना चाहिए। ऐसा होने पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव तेजी से बढ़ता है और वास्तु दोष का भी खतरा बढ़ जाता है। इसलिए इन जगहों पर कुछ न कुछ हमेशा रौशनी के लिए कम बिजली वाला बल्ब या धूप-बत्ती जलाए रखें।
वास्तु शास्त्र के अनुसार बिना पूजा-पाठ के घर में नहीं रहना चाहिए। साथ ही घर में रोजाना मंत्रों का उच्चारण भी होना चाहिए। इस नियम का पालन नहीं करने पर नकारात्मक उर्जा का प्रभाव बढ़ सकता है और व्यक्ति को वास्तु दोष का सामना करना पड़ सकता है।
वास्तु शास्त्र में यह भी बताया गया है कि व्यक्ति को रात के समय सुगन्धित चीजों का प्रयोग कम से कम करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे नकारात्मक शक्तियां तेजी से आकर्षित होती हैं और वास्तु दोष का खतरा बढ़ सकता है।
घर में आते ही व्यक्ति यदि तनाव से ग्रसित, उर्जाहीन या भ्रमित महसूस करता है, तो यह वास्तु दोष का संकेत हो सकता है। इसलिए रोज सुबह और संध्या काल में घंटी व शंख जरूर बजाएं। ऐसा करने से आपको जल्द ही सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
वास्तु शास्त्र में यह भी बताया गया है कि शुद्धता के कारण वास्तु दोष का खतरा टल जाता है। इसलिए स्वयं के साथ-साथ घर को भी हर समय साफ-सुथरा रखें। अन्यथा नकारात्मक शक्तियां व्यक्ति या उसके परिवार पर हावी हो सकती हैं।