इन दिनों भूलकर भी न बनाएं घर में रोटियां

Update: 2023-08-01 10:19 GMT

सनातन धर्म में हर तिथि को कोई न कोई त्यौहार पद जाता है। उन्ही में कुछ त्यौहार ऐसे होते है जिनमे कुछ चीज़ो का सेवन करना वर्जित माना जाता है। वहीं शास्त्रों में कई ऐसी तिथियां बताई गई हैं।

जिनमें कुछ चीजों से परहेज करना चाहिए। जैसे की आप सब जानते होंगे की एकादशी में चावल ग्रहण करना वर्जित है। ठीक उसी तरह से ऐसें कई पर्व है जिनमें आपको नहीं खाना चहिए।

चावल का तो आप जानते ही हैं, ठीक उसी तरह से होती है रोटी जिसको कई मौकों पर भूलकर भी नहीं बनानी चाहिए। ऐसा न करने पर धन धान्य की कमी बनी रहती है। तो चलिए जानते हैं उन तीज त्योहारों के बारें जिसमें रोटी बनाना वर्जित माना गया है। इन बातों को नजरअंदाज करने से मां अन्नपूर्णा और मां लक्ष्मी नाराज हो जाती है

तवे को नाग के फन का प्रतीक

सावन माह में आने वाली नाग पंचमी के दिन अपने घर की रसोई में तवा नहीं रखना चाहिए। शास्त्रों में बताया गया है कि तवे को नाग के फन का प्रतीक माना जाता है। इस दिन आप भीगौने या पतीले में कोई व्यंजन बना सकते हैं।

मां लक्ष्मी का प्राकट्य

इस तिथि के दिन मां लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था। इसलिए शरद पूर्णिमा के दिन भी घर में कच्चा खाना नहीं बनाना चाहिए। आपको इस पर्व के दिन खीर और पूरी जरूर बनानी चाहिए। इस दिन कहा जाता है कि खीर बनाकर चांद की रोशनी में रखनी चाहिए। क्योंकि, इस दिन चांद की रोशनी से अमृत निकलता है।

विशेष त्योहार दिवाली

सनातन धर्म में दिवाली को सबसे बड़ा और विशेष त्योहार माना गया है। शास्त्रों के मुताबिक दिवाली के दिन घर में रोटी नहीं बनाई जानी चाहिए। इस दिन खास पकवान घर में बनाने चाहिए। इस दिन रोटी बनाते हैं तो मां लक्ष्मी आपसे रुष्ट हो जाएंगी।

घर में मृत्यु तब

पौराणिक मान्याताओं के अनुसार, जब किसी के घर में मृत्यु हो जाए तो उस दिन घर में रोटी नहीं बनानी चाहिए। दरअसल, 13वीं संस्कार होने के बाद ही घर में रोटी बनानी चाहिए।

मां शीतला की पूजा

प्रमुख ति​थीयों में एक शीतला अष्टमी भी है। इस दिन मां शीतला की पूजा की जाती है और उन्हें बासी खाने का भोग लगाया जाता है। भोग के बाद बचे खाने को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। इस दिन घर में रोटी या कोई ताजा भोजन भी नहीं बनाना चाहिए। बासी खाने का ही भोग लगाना चाहिए।

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