झुर्रियां दूर करने के लिए फेस टैपिंग क्या सचमुच करता है काम, जानें एक्सपर्ट की राय

Update: 2024-05-26 13:19 GMT

फेस टैपिंग तकनीक की मदद से ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है और चेहरे पर ग्लो बढ़ता है। क्या इससे झुर्रियां होती हैं कम या नहीं, चलिए आपको बताते हैं। । कुछ लोगों का मानना है क‍ि टैप‍िंग तकनीक की मदद से झुर्र‍ियों की समस्‍या को दूर क‍िया जा सकता है। आजकल लोगों की स्किन पर झुर्रियां दिखने लगती है, समय से पहले ही त्वचा बूढ़ी नजर आने लगती है। इसका कारण तनाव और खराब जीवनशैली भी हो सकता है। जिसके कारण चेहरे पर फाइन लाइन्स और रिंकल्स की समस्या नजर आने लगती है। झुर्रियों को कम करने के लिए लोग बाजार से तरह-तरह की क्रीम और महंगे ब्यूटी प्रोडक्टस खरीदते हैं। लेकिन फिर भी इन उत्‍पादों की मदद से झुर्र‍ियों की समस्‍या कम नहीं होती। ऐसे में लोग थेरेपी और मसाज की ओर भागते हैं। कुछ लोगों का मानना है क‍ि टैप‍िंग तकनीक की मदद से झुर्र‍ियों की समस्‍या को दूर क‍िया जा सकता है। चलिए आपको बताते हैं इस पर एक्सपर्ट की क्या राय है।


क्या फेस टैपिंग करने से झुर्रियां दूर होती हैं?
कई लोग यह दावा करते है कि फेस टैपिंग तकनीकी की मदद से झुर्रियां दूर हो जाती है। हालांकि, यह एकदम सच नहीं है। एक्सपर्ट के मुताबिक, फेस टैप‍िंग तकनीक की मदद से कुछ हद तक स्‍क‍िन में ब्‍लड सर्कुलेशन बेहतर होता है लेक‍िन इससे झुर्र‍ियां कम नहीं होती। हालांक‍ि आप अपने स्‍क‍िन केयर रूटीन में फेस टैप‍िंग तकनीक को शाम‍िल कर सकते हैं। इस तकनीक की मदद से क्रीम या लोशन आसानी से स्‍क‍िन में एब्‍सॉर्ब हो जाएंगे। फेस टैप‍िंग तकनीक की मदद से चेहरे का ब्‍लड सर्कुलेन बेहतर होता है और कोलाजन का उत्‍पादन बढ़ता है ज‍िससे झुर्र‍ियां समय से पहले नहीं आतीं।

झुर्रियां कम करने के लिए क्या करना सही हैं?
- झुर्रियां को कम करने के लिए बोटोक्स करवाएं। इस ट्रीटमेंट से मांसपेशियों में आराम मिलता है और फेस की झुर्रियां भी कम हो जाती है।
- डर्मल फिलर्स की सहायता से हायालूरोनिक एसिड, कैल्शियम हाइड्रॉक्सीलापेटाइट और पॉली-एल-लैक्टिक एसिड जैसे पदार्थो का उपयोग करके त्वचा को भरने और झुर्रियों को कम करने के लिए इंजेक्शन दिए जाते हैं।
- लेजर थेरेपी के जरिए कोलेजन उत्पादन को बढ़ावा मिलता है और झुर्रियों को कम करने में मदद मिलती है।
- अगर आप भी झुर्रियां दूर करना चाहते हैं तो माइक्रोनीडलिंग में त्वचा की सतह पर छोटी-छोटी सुई से छेद बनाए जाते हैं, जिससे कोलेजन उत्पादन को बढ़ावा म‍िलता है और झुर्र‍ियां कम करने में मदद म‍िलती है।


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