फरवरी के महीने में क्यों होते हैं 28 दिन, क्या आपको पता है?
फरवरी का महीना चल रहा है. लेकिन
फरवरी का महीना चल रहा है. लेकिन इस साल भी फरवरी में 28 दिन है. ये लोगों के लिए थोड़ी दुखद बात है जिनका जन्मदिन 4 साल में एक बार आता है. हां- हां क्योंकि 29 फरवरी 4 साल में ही एक बार आती है. लेकिन ऐसा क्यों होता है. 29 फरवरी 4 साल में ही क्यों आती है. आइए यहां जानें ऐसे तमाम सवालों के जवाब …
क्यों होता है 4 साल में 29वां दिन
दरअसल हमारी पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाने में 365 दिन और 6 घंटे लगाती है. और इसलिए ही हर 4 साल में फरवरी के महीने में एक दिन अधिक जोड़कर इसका संतुलन बनाया जाता है. इस साल को लीप ईयर कहा जाता है. और अधिवर्ष भी कहा जाता है.
अगर एक दिन और नहीं बढ़ाते तो क्या होता
ऐसा कहा जाता है कि अगर फरवरी के महीने में एक दिन नहीं बढ़ता तो हम हर साल कैलेंडर से लगभग 6 घंटे आगे निकल जाएंगे. मतलब 100 साल में 24 दिन आगे निकल जाएंगे. जिसके चलते मौसम को महीने से जोड़ कर रखना मुश्किल हो जाता. और अगर ऐसा नहीं किया जाए तो साल के मई- जून के महीने में गर्मी न होकर 500 साल बाद दिसंबर में आएगी.
किसने बनाया था ऐसा कैलेंडर
जिस कैलेंडर का हम इस्तेमाल करते हैं ये रोमन कैलेंडर पर आधारित है. बता दे कि त्योहारों और मौसम के चलते रोमन किंग ने कैलेंडर में कई बार बदलाव किए थे. पहले बनाए कैलेंडर में केवल 10 ही महीने थे. जिसे बाद में रोमन किंग ने 2 महीने और जुड़वा दिए थे. और एक साल 12 महीने का होने लगा. इसके अलावा भी फरवरी महीने में दिन कम किए गए. इससे पहले कवेल मार्च से दिसंबर तक के ही महीने होते थे. जिसमें जनवरी और फरवरी का महीना जोड़ा गया. इस कैलेंडर को धरती के सूर्य के चक्कर लगाने के अनुसार बनाया गया