क्या आपको पता है रैम्प पर चलने वाली मॉडल्स इतनी पतली क्यों होती
इतनी पतली क्यों होती
डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी ने जब प्लस साइज मॉडल को अपने ब्राइडल कलेक्शन के लिए चुना, तो लोगों ने इस कदम की बहुत तारीफ की थी। अगर आपने ध्यान दिया हो, तो रैम्प पर चलने वाली सुपर मॉडल बहुत ज्यादा पतली भी होती हैं और उनकी शक्ल पर हमेशा एक जैसा ही एक्सप्रेशन रहता है। हमेशा उन्हें गुस्से में या दुखी दिखना होता है। अगर वो रैम्प पर हंसती हैं, तो इसे मॉडलिंग प्रोफेशन के हिसाब से गलत माना जाता है।
अगर हम यूनिवर्सल रूल को देखें, तो एक लड़की की खूबसूरती उसके साइज से काफी हद तक कम्पेयर की जाती है। फैट लॉस प्रोग्राम और डाइट के दीवाने भी बहुत होते हैं। बढ़ते वजन को कम करने के लिए लोग ना जाने क्या-क्या तरीके अपना लेते हैं, लेकिन आखिर मॉडल्स ऐसा क्या करती हैं जिससे वो इतनी ज्यादा पतली रहती हैं।
आखिर किस तरह से पतली होती हैं मॉडल्स?
इसका जवाब एक सुपर मॉडल विक्टोअर मैकोन डॉक्सरे (Victoire Macon Dauxerre) ने अपनी किताब में दिया। मैकोन के लिए उनका मॉडलिंग करियर एक सपना सा था, लेकिन जब उन्हें मॉडलिंग वर्ल्ड की सच्चाई पता चली तब उनका सपना टूट गया। मैकोन को 18 साल की उम्र में पैरिस फैशन वीक में रैम्प वॉक करने का मौका मिला था।
उन्हें बहुत खुशी थी, लेकिन उन्हें सिर्फ इतना ही बताया गया कि उन्हें कुछ महीनों में रैम्प पर वॉक करनी है और उन्हें 32-34 साइज का बनना होगा।
कुछ ही महीनों में मैकोन को एनोरेक्सिया हो गया और वो दिन में तीन सेब खाती थीं और बस डाइट कोला पिया करती थीं।
इसके बारे में उन्होंने अपनी किताब 'Never Skinny Enough: the Diary of a Top Model' (फ्रेंच- "Jamais assez maigre: Journal d'un top model") में लिखा था। उन्होंने बताया कि मॉडलिंग की दुनिया में सही मायने में बिना खाना खाए सिर्फ हवा पर जीना होता है। यही कारण है कि उनका वजन इतना कम होता है।
फैशन इंडस्ट्री की सच्चाई बताने के लिए इसाबेल कारो (Isabelle Caro) ने 2007 के मिलान फैशन वीक में एनोरेक्सिया के खिलाफ कैंपेन किया था। तीन साल बाद इसाबेल खुद इसी बीमारी से चल बसी थीं।
कैसे इतनी पतली होती हैं मॉडल्स?
किताब के अनुसार मॉडल्स के पतले होने के कुछ बेसिक तरीके होते हैं।
एक्स्ट्रीम डाइट
ब्यूटी पेजेंट की कंटेस्टेंट्स, फैशन शो की मॉडल्स और टीवी एडवर्टाइजमेंट करने वाली मॉडल्स के साथ ऐसा ही होता है। उन्हें बहुत ही एक्स्ट्रीम डाइट लेनी होती है जिसमें उनके शरीर को ना खाने की आदत पड़ जाती है। यही कारण है कि बहुत सारी मॉडल्स एनोरेक्सिया का शिकार हो जाती हैं।
एक्स्ट्रीम फिजिकल फिटनेस
मॉडल्स को बहुत एक्सरसाइज भी करनी होती है। उन्हें रोजाना कई घंटे जिम में बिताने होते हैं और उनके शरीर को लेकर कई पैमाने होते हैं। उदाहरण के तौर पर उनका पेट हमेशा फ्लैट होना चाहिए। ब्लोटिंग भी मुमकिन नहीं है।
सर्जरी और सप्लीमेंट्स
पूर्व विक्टोरिया सीक्रेट मॉडल एरिन हेथरटन (Erin Heatherton) ने एक पॉडकास्ट में यह बताया था कि उन्हें डाइट पिल्स का इस्तेमाल करना पड़ा था। इन गोलियों को खाने से उनका वजन नहीं बढ़ता था और उन्हें भूख बिल्कुल नहीं लगती थी, लेकिन इसके कारण उनकी सेहत पर बहुत असर पड़ा था। एरिन का पूरा इंटरव्यू पीपल मैगजीन ने छापा था।
फैशन क्रिटिक वैनेसा फ्रीडमैन ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें सबसे ज्यादा पतली मॉडल्स को दिखाया गया था। उन्होंने इसकी चिंता भी जाहिर की थी कि कैसे अनहेल्दी ऑब्सेशन मॉडल्स के लिए खतरनाक है।
मॉडल्स के साथ कुछ इस तरह से अपनी जिंदगी जीती हैं और अगर हम उनके फिगर से ऑब्सेशन करें, तो यकीनन बहुत गलत होगा।
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