कॉफी पीने से नुकसान है या फायदे जानते हैं आप
हमेशा से ही कॉफी (Coffee) पीने के कई फायदे और नुकसान की बातें सामने आती रही हैं. ऐसे में यह फैसला करना मुश्किल होता है
:जनता से रिश्ता बेबडेस्क | अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (American Heart Association) के वैज्ञानिक सत्र 2021 (Scientific Sessions 2021) में पेश की गई एक नई स्टडी के निष्कर्ष में बताया गया है कि कॉफी (Coffee) पीने से एक तरफ जहां दिल की धड़कन सामान्य से बढ़ जाती है, वहीं फिजिकल एक्टिविटी में तेजी आती है. इसके साथ ही नींद की अवधि कम हो जाती है. मतलब यह कि कॉफी के सेवन में संतुलन यानी बैलेंस और सावधानी रखना बेहद जरूरी है. यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सैन फ्रांसिस्को के रिसर्चर कार्डियोलाजिस्ट (Cardiologist) ग्रेगरी मार्कस (Gregory Marcus) बताते हैं, 'दुनियाभर में कॉफी सबसे कॉमन पेय पदार्थो में से एक है, लेकिन हेल्थ पर उसके असर को लेकर कई मत हैं. अब तक के ज्यादातर रिसर्च में कॉफी के लॉन्ग टाइम इफैक्ट को लेकर कई ऑब्जर्वेशनल (अवलोकनात्मक) स्टडी (observational study) की गई हैं. लेकिन पहली बार इस स्टडी में रियल टाइम असर का आकलन किया गया है.'
हमेशा से ही कॉफी (Coffee) पीने के कई फायदे और नुकसान की बातें सामने आती रही हैं. ऐसे में यह फैसला करना मुश्किल होता है कि कैफीन (Caffeine) से भरपूर इस पेय पदार्थ (Drinkable item) का सेवन करना चाहिए या नहीं? अब एक नई स्टडी में पता चला है कि कॉफी पीने को लेकर सावधानी बरतना बेहद जरूरी है. 13-15 नवंबर के बीच वर्चुअल तरीके से आयोजित अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (American Heart Association) के वैज्ञानिक सत्र 2021 (Scientific Sessions 2021) में पेश की गई इस नई स्टडी के निष्कर्ष में बताया गया है कि कॉफी पीने से एक तरफ जहां दिल की धड़कन सामान्य से बढ़ जाती है, वहीं फिजिकल एक्टिविटी में तेजी आती है. इसके साथ ही नींद की अवधि कम हो जाती है. मतलब यह कि कॉफी के सेवन में संतुलन यानी बैलेंस और सावधानी रखना बेहद जरूरी है.
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सैन फ्रांसिस्को (University of California, San Francisco) के रिसर्चर कार्डियोलाजिस्ट (Cardiologist) ग्रेगरी मार्कस (Gregory Marcus) बताते हैं, 'दुनियाभर में कॉफी सबसे कॉमन पेय पदार्थो में से एक है, लेकिन हेल्थ पर उसके असर को लेकर कई मत हैं. अब तक के ज्यादातर रिसर्च में कॉफी के लॉन्ग टाइम इफैक्ट को लेकर कई ऑब्जर्वेशनल (अवलोकनात्मक) स्टडी (observational study) की गई हैं. लेकिन पहली बार इस स्टडी में रियल टाइम असर का आकलन किया गया है.'
कैसे की गई स्टडी?
ग्रेगरी मार्कस (Gregory Marcus) और उनके सहयोगियों ने 100 वॉलंटियर बनाए और उन्हें लगातार ईसीजी यानी इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (electrocardiogram) उपकरण पहनने को कहा गया, ताकि उनके दिल की धड़कन को ट्रैक किया जा सके. इसके साथ ही फिजिकल एक्टिविटी और नींद पर नजर रखने के लिए कलाई पर उपकरण पहनाए गए.
ब्लड ग्लूकोज लेवल को भी सतत ट्रैक किया गया. यह प्रयोग 2 सप्ताह तक किया गया. इन सभी के लार (Sliva) के डीएनए सैंपल भी लिए गए ताकि कैफीन के मेटाबोलिज्म (Metabolism) पर जीनेटिक असर को परखा जा सके. इसके बाद उन्हें इसकी छूट दी गई कि वे चाहें तो लगातार दो दिनों में कॉफी पीएं या नहीं पीएं.
क्या रहा परिणाम?
स्टडी से जुटाए गए आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला कि-
– कॉफी पीने से प्रीमैच्योर वेंट्रीकुलर कांट्रैक्शन यानी निलय संकुचन (premature ventricular contraction) में 54 प्रतिशत की वृद्धि हुई. यह हार्ट के लोअर चैंबर में एक प्रकार की असामान्य धड़कन है. जबकि ज्यादा कॉफी पीने से अपर चैंबर में भी धड़कन की गति असामान्य रही.
-लगातार कॉफी पीने से फिजिकल एक्टिविटी ज्यादा रहीं, लेकिन नींद में कमी आई.
-जिन लोगों ने कॉफी पी, वे कॉफी नहीं पीने वालों से रोजाना एक हजार कदम ज्यादा चले
– प्रतिभागियों ने जिस दिन कॉफी पी, रात में औसतन 36 मिनट कम नींद आई.
– जिन लोगों ने एक कप से ज्यादा काॉफी पी, उनके हार्ट के लोअर चैंबर में असामान्य धड़कन की स्थिति दोगुनी अधिक थी.
– प्रति अतिरिक्त कप कॉफी पीने से करीब 600 कदम ज्यादा चलने और रात में 18 मिनट कम नींद की स्थिति रही.
-कॉफी पीने या नहीं पीने से ग्लूकोज के लेवल में कोई अंतर नहीं देखा गया.
-कॉफी पीने से ज्यादा फिजिकल लेबर के कारण टाइप 2 डायबिटीज तथा कई प्रकार के कैंसर के खतरे कम होते हैं. इससे लाइफ बढ़ने की संभावना बनती है.
-इन फायदों के उलट नींद कम होने से मेंटल यानी मानसिक, नर्व्स, हार्ट और आट्री से जुड़ी परेशानियों का संबंध पाया गया.