माइग्रेन के असहनीय दर्द को कम करने के लिए जरूर करें ये योगासन
वैसे सिरदर्द का मतलब हमेशा माइग्रेन नहीं होता। लेकिन अगर आपको ऐसा दर्द महसूस हो रहा है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | वैसे सिरदर्द का मतलब हमेशा माइग्रेन नहीं होता। लेकिन अगर आपको ऐसा दर्द महसूस हो रहा है जो पहले कभी न हुआ, साथ ही हाथ-पैरों में भी दर्द और कमजोरी महसूस हो रही हो तो यहां जरूरत है डॉक्टर से सलाह लेने की। क्योंकि कई बार सिरदर्द दूसरी खतरनाक और जानलेवा बीमारियों की ओर भी इशारा करता है। इसलिए बार-बार होने वाले तेज सिरदर्द, गर्दन दर्द, अकड़न, जी मिचलाने या आंखों के आगे अंधेरा छा जाने जैसी समस्याओं को नजरअंदाज न करें और तुरंत स्पेशलिस्ट से संपर्क करें।
माइग्रेन प्रॉब्लम दूर करने के लिए डॉक्टर्स जरूरी दवाएं देते ही हैं लेकिन इसके उपचार में योग और व्यायाम ज्यादा कारगर साबित होते हैं। रोज़ाना व्यायाम, योग और ध्यान करने से तनाव व भागदौड भरी जिंदगी के बावजूद आप इनसे मुक्त कर सकते हैं। तो कौन से योग और व्यायाम इसके लिए फायदेमंद हैं, जानेंगे इसके बारे में...
पद्मासन (कमल मुद्रा)
कमल मुद्रा दिमाग को आराम पहुंचा कर सिर दर्द से राहत दिलाती है।
पश्चिमोत्तानासन
पश्चिमोत्तानासन मस्तिष्क को शांत करता है और तनाव से राहत दिलाता है।
अधोमुख श्वानासन
पेट के बल लेट कर हाथ जमीन पर टिकाएं और ऊपर की ओर उठें। अधोमुख श्वानासन मस्तिष्क में रक्तसंचार को बढाता है, जिससे सिरदर्द में राहत मिलती है।
सेतु मुद्रा
यह आसन रक्तसंचार को नियंत्रित रखने में मदद करता है। इस व्यायाम के द्वारा मस्तिष्क का रक्तसंचार सुचारू रूप से होता है और सिरदर्द से राहत मिलती है।
प्राणायाम
प्राणायाम से शरीर के सभी अंगों में ऑक्सीजन का संचार होता है। खास तौर पर गर्दन और मस्तिष्क में ऑक्सीजन पहुंचने से माइग्रेन के अटैक या सिरदर्द की समस्या में राहत मिलती है। प्रतिदिन 10 से 15 मिनट ओम् चैंटिंग से माइग्रेन में लाभ होता है।
भ्रामरी प्राणायाम
भ्रामरी प्राणायाम के दौरान सुखासन में सीधे बैठ जाएं। दोनों कानों को अंगूठों से बंद करें व मध्य की दो उंगलियों को आंखों पर रखें। अब गहरी सांस लें और धीरे-धीरे सांस छोडते हुए गले से आवाज निकालें। इस प्रक्रिया के दौरान मुंह बंद रखें और श्वांस की सारी क्रिया नाक से ही करें।
जल नेति क्रिया
जल नेती भी माइग्रेन या सिरदर्द से राहत के लिए बेहतरीन उपाय है। लेकिन ध्यान रहे यह योग योग्य प्रशिक्षक के संरक्षण में ही करें।