Health Care: पहली बार मां बन रही गर्भवती महिलाओं में अक्सर मां बनने को लेकर तनाव होता है और वे अपने अंदर के बदलाव को आने वाली जिंदगी को स्वीकार नहीं कर पाती है। हाल ही में एक स्टडी में सामने आया है कि बच्चे के जन्म से पहले अगर गर्भवती महिलाएं किसी प्रकार के तनाव से जूझ रही है तो उसे भविष्य में हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा अधिक होता है। इतना भी कहा गया है कि, भविष्य में 20 वर्ष तक उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और heart attack संबंधी समस्याओं का जोखिम अधिक हो सकता है।
जानिए क्या कहा गया स्टडी में
स्वीडिश शोधकर्ताओं ने अपने शोध में कहा कि प्रसव से पहले या बाद में डिप्रेशन और हार्ट डिजीज के बीच संबंध के बारे में अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है. इस शोध को करने के लिए एक दशक तक महिलाओं को निगरानी में रखा गया.
प्रसव पूर्व डिप्रेशन से इतना बढ़ता है खतरा
शोधकर्ताओं ने पाया कि prenatal depression से पीड़ित महिलाओं में शोध की अवधि के दौरान हृदय रोग का जोखिम 36 प्रतिशत बढ़ गया था. उन्होंने पाया कि प्रसव पूर्व डिप्रेशन से पीड़ित महिलाओं में हृदय रोग विकसित होने की संभावना 29 प्रतिशत अधिक थी, जबकि प्रसव के बाद डिप्रेशन से पीड़ित महिलाओं में हृदय रोग विकसित होने की संभावना 42 प्रतिशत अधिक थी।शोधकर्ताओं ने बताया कि उन महिलाओं में परिणाम बेहद स्पष्ट थे, जिन्हें गर्भावस्था से पहले डिप्रेशन का सामना नहीं करना पड़ा था, उन्होंने कहा कि सभी प्रकार के हृदय संबंधी रोगों में जोखिम बढ़ा हुआ पाया गया है, जिससे महिलाओं में इस्केमिक हृदय रोग, हृदयाघात और उच्च रक्तचाप विकसित होने की संभावना बढ़ गई है।