सेब
सेहतमंद रहने के लिए सेब की अहमियत से हम सभी परिचित हैं. पुरानी कहावत है ‘एन एप्पल अ डे कीप्स द डॉक्टर अवे’ जिसे सभी मानते हैं. सेब को खानपान में शामिल करने की यह बात आपके दांतों की सेहत पर भी लागू होती है. सेब को नैचुरल टूथब्रश कहा जाता है. सेब ही नहीं गाजर, सेलेरि जैसी सब्ज़ियां भी नैचुरल टूथब्रश की कैटेगरी में आती हैं. इन्हें खाने से दांतों में कैविटी पैदा करनेवाले बैक्टीरिया दूर होते हैं. दांतों पर प्लाक और टार्टर नहीं जमा होने पाता. सलाइवा की मात्रा बढ़ती है और दांतों की प्राकृतिक रूप से साफ़-सफ़ाई हो जाती है.
विटामिन सी
विटामिन सी की अधिकतावाले फल और सब्ज़ियां, जैसे-संतरा, नींबू, मिंट, धनिया, टमाटर, खीरा, अनन्नास और पेर (नाशपाती) हमारे मसूड़ों की रक्षा करते हैं. मसूड़े दांतों के रक्षक होते हैं. स्वस्थ मसूड़े मज़बूत दांतों की गैरेंटी होते हैं. पेरिओडेंटल हेल्थ यानी मसूड़ों की समस्याओं के दौरान विटामिन सी से समृद्ध फल खाने की सलाह दी जाती है. आपको तो पता ही होगा कि खट्टे फलों और सब्ज़ियों को खाने से हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. मुंह में होनेवाले इन्फ़ेक्शन्स को रोकने व कम करने में विटामिन सी की अधिकतावाली चीज़ों का बड़ा हाथ है.
स्ट्रॉबेरी
स्ट्रॉबेरी में दांतों की चमक बढ़ानेवाले मैलिक एसिड नामक एन्ज़ाइम्स होते हैं, जो हमारी मुस्कान में नई चमक ला सकते हैं. तो अगर आप दांतों के पीलेपन से परेशान हैं तो अपने खानपान में स्ट्रॉबेरी शामिल करें, आपके दांत मोतियों की तरह चमकने लगेंगे. इसके अलावा आप अगर केवल और केवल दांतों को चमकाने के लिए स्ट्रॉबेरी खाना चाहते हैं तो आपको दांतों पर स्ट्रॉबेरी की प्यूरी या पेस्ट रगड़ना चाहिए.
केला
जब दांतों की सेहत के लिए हम फलों की बात कर ही रहे हैं तो आसानी से उपलब्ध अपने पसंदीदा फल केला को कैसे भूल सकते हैं. इसमें दांतों के लिए ज़रूरी पोटैशियम, मैग्नीशियम और मैंगनीज़ जैसे मिनरल्स भरपूर मात्रा में होते हैं. इतना ही नहीं यह हमारी संपूर्ण सेहत के लिए भी काफ़ी फ़ायदेमंद है. अगर आप अपने दांतों को अंदर और बाहर की तरफ़ से केले के छिलके से रोज़ाना 2 मिनट तक, 2 हफ़्तों तक मसाज करते हैं, आपके दांतों की सफ़ेदी काफ़ी बढ़ जाएगी. ऐसा करने से दांतों की सेंसिटिविटी में भी लाभ होगा.
क्रैनबेरी
हाल में हुए कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि ताज़ी क्रैनबेरी मुंह में प्लाक पैदा करनेवाली बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकने में अहम भूमिका निभाती है. अगर इस बैक्टीरिया को नहीं रोका गया तो दांतों पर प्लाक का लेयर जमा हो जाता है.
शकरकंद
रतालू या शकरकंद में दांतों की प्रोटेक्टिव कवरिंग यानी इनैमल को बचानेवाले विटामिन्स मौजूद होते हैं. अगर आप अपने खानपान में रतालू शामिल करते हैं तो आपके दांतों की सफ़ेदी लंबे समय तक बरक़रार रहती है.
पत्तेदार हरी सब्ज़ियां
पत्तेदार हरी सब्ज़ियां दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ बनाए रखनेवाले विटामिन ए, विटामिन बी2, विटामिन बी 12 से समृद्ध होती हैं. जब आप नियमित रूप से पत्तेदार हरी सब्ज़ियां खाते हैं, तब आप अपने दांतों के स्वास्थ्य को लेकर जागरूक कहलाते हैं.
चीज़, दूध और दूसरे डेयरी प्रॉडक्ट्स
चीज़ खाने से सलाइवा का प्रोडक्शन बढ़ता है, जिससे मुंह की नैचुरल सफ़ाई होती है. साथ ही इसमें मौजूद कैल्शियम और फ़ॉस्फ़ेट भी हमारे दांतों को चाहिए होते हैं. चीज़ की तरह ही दूध और दूसरे डेयरी प्रॉडक्ट्स भी कैल्शियम और फ़ॉस्फ़ेट जैसे उपयोगी मिनरल्स से भरे होते हैं. ये दांतों के इनैमल को बनाए रखने में भी काफ़ी सहायक होते हैं.
ग्रीन टी और ब्लैक टी
इन दोनों ही चायों में पॉलिफ़ेनॉल्स की मौजूदगी होती है, जो प्लाक बैक्टीरिया का ख़ात्मा करते हैं. चूंकि ये बैक्टीरिया का ख़ात्मा कर देते हैं तो बैक्टीरिया को आपके दांतों पर अटैक करने का मौक़ा नहीं मिल पाता.
फ़्लोराइड्स की अधिकतावाली चीज़ें
फ़्लोरिडेटेड ड्रिंकिंग वॉटर (बाज़ार में उपलब्ध) से आपके दांतों को फ़्लोराइड की सप्लाई होती है. यह बात छुपी नहीं है कि सेहतमंद दांतों के लिए फ़्लोराइड्स की क्या अहमियत है. पॉल्ट्री प्रॉडक्ट्स, सीफ़ूड, फ्रूट जूसेस में फ़्लोराइड की अच्छी-ख़ासी मात्रा होती है.
प्रोबायोटिक या दही
यह हमें बचपन से पढ़ाया गया है कि जहां कुछ बैक्टीरिया हमारे लिए हानिकारक हैं, वहीं कुछ हमारी सेहत के लिए उतने ही ज़रूरी भी हैं. प्रोबायोटिक्स शरीर के लिए ज़रूरी सबसे अच्छे बैक्टीरिया हैं. जो आपको दही से मिल जाते हैं. इन्हें खानपान में शामिल करने से प्लाक से राहत मिलती है और मसूड़े स्वस्थ बनते हैं.
मछली और मीट
मछली और मीट में मिनरल्स और कई तरह के विटामिन्स ख़ासकर विटामिन डी की प्रचुर मात्रा होती है. दांतों के लिए ज़रूरी खानपान में इनकी अहम् भूमिका होती है. इतना ही नहीं ये आपके ओवरऑल हेल्थ के लिए भी काफ़ी ज़रूरी हैं.