एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि रोजाना महज तीन कप कॉफी का सेवन करने के दिल की सेहत दुरुस्त रहेगी और हृदय संबंधी बीमारियों से मृत्यु का खतरा कम होगा। बुडापेस्ट के सेमेल्विस विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन किया है।
शोधकर्ताओं ने अध्ययन के दौरान कॉफी पीने की आदतों, दिल के दौरे और स्ट्रोक की घटनाओं के बीच के संबंधों की जांच की। इसमें सामने आया कि कई मायनों में कॉफी का रोजाना सेवन दिल की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है।
अपने निष्कर्षों तक पहुंचने के लिए शोधकर्ताओं ने यूके बायोबैंक के डाटा की भी मदद ली। अध्ययन के प्रमुख लेखक और कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर जुडिट साइमन ने कहा कि निर्धारित मात्रा में रोजाना कॉफी का सेवन करने से न केवल हृदय रोगों बल्कि किसी भी अन्य बीमारी से मौत के खतरे को कम किया जा सकता है। यह अपनी तरह का अब तक का सबसे बड़ा अध्ययन है।
इस तरह किया गया अध्ययन
जिसमें पाया गया कि जो लोग कॉफी बिल्कुल भी नहीं पीते हैं, उनकी तुलना में मध्यम कॉफी का सेवन करने वाले लोगों में स्ट्रोक का रिस्क 21 प्रतिशत कम हो सकता है।
डॉ साइमन और उनकी टीम ने कुल 4,68,629 वयस्क लोगों पर यह अध्ययन किया। उन्होंने 11 साल की औसत अवधि तक इनके स्वास्थ्य और कॉफी पीने की आदतों का विश्लेषण किया। अध्ययन के दौरान काफी के दैनिक सेवन के आधार पर सभी प्रतिभागियों को तीन समूहों में बांटा गया। इनमें 22 प्रतिशत लोगों का कहना था कि वो नियमित रुप से कॉफी नहीं पीते थे। 58.4 प्रतिशत लोगों ने बताया कि वह प्रतिदिन आधा से तीन कप पीते थे, जबकि 19.5 प्रतिशत तीन कप से अधिक पीते थे।
चौंकाने वाले परिणाम सामने आए
अध्ययन की शुरुआत में प्रतिभागियों में से किसी में भी हृदय रोग का कोई इतिहास नहीं था। प्रतिभागियों की औसत आयु लगभग 56.2 वर्ष थी। परिणामों में सामने आया कि कॉफी का सेवन नहीं करने वाले प्रतिभागियों की तुलना में रोजाना तीन कप कॉफी पीने वाले प्रतिभागियों में स्ट्रोक का खतरा करीब 21 प्रतिशत कम पाया गया। इसके अलावा विशेष रूप से हृदय रोगों से मृत्यु का जोखिम भी 17 प्रतिशत कम देखा गया।
शोधकर्ताओं ने कहा कि रोजाना तीन कप कॉफी पीने से न केवल हृदय रोगों बचाव हुआ, बल्कि किसी भी प्रकार की गंभीर बीमारी से मृत्यु का जोखिम भी 12 प्रतिशत कम पायागया। अध्ययन के परिणाम यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी के 2021 कांग्रेस में प्रस्तुत किए गए हैं।
स्ट्रोक को इस तरह समझें
स्ट्रोक के दो प्रमुख प्रकार हैं। पहला इस्केमिक स्ट्रोक, जिसमें 80 प्रतिशत स्ट्रोक होते हैं। यह तब होता है जब रक्त वाहिका में रुकावट होती है जो रक्त को मस्तिष्क के हिस्से तक पहुंचने से रोकती है। दूसरा हे रक्तस्रावी स्ट्रोक, यह दुर्लभ होता है। इसमें एक रक्त वाहिका फट जाती है, मस्तिष्क के हिस्से में बहुत अधिक रक्त भर जाता है जबकि अन्य क्षेत्रों को पर्याप्त रक्त आपूर्ति से वंचित कर दिया जाता है। इसके लिए आयु, उच्च रक्तचाप, धूम्रपान, मोटापा, गतिहीन जीवन शैली, मधुमेह, अलिंद फिब्रिलेशन, पारिवारिक इतिहास, और पिछले स्ट्रोक का इतिहास सभी जोखिम कारक हैं।
अवसाद और मधुमेह में लाभकारी
अमेरिका में नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट द्वारा किए गए पूर्व शोध में पाया गया कि जो लोग हर दिन छह या सात कप कॉफी पीते हैं, उनमें 10 साल की अवधि के भीतर बीमारी से मरने की संभावना उन लोगों की तुलना में 16 प्रतिशत कम होती है, जो ऐसा नहीं करते हैं। इसके अलावा हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ द्वारा के अध्ययन में पाया गया कि जो महिलाएं प्रतिदिन चार या अधिक कप कॉफी पीती थीं, उनमें अवसाद से पीड़ित होने की संभावना 20 प्रतिशत कम थी। वहीं कॉफी पर वैज्ञानिक सूचना संस्थान ने लगभग 12 लाख लोगों के लगभग 30 अध्ययनों के माध्यम से पता लगाया है कि प्रत्येक दिन तीन या चार कप कॉफी पीने से टाइप 2 मधुमेह के विकास के जोखिम को 27 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।
ब्राजील कॉफी का सबसे बड़ा उत्पादक
दुनियाभर में प्रति वर्ष 9,217,911 टन कॉफी का उत्पादन होता है। इसका सबसे बड़ा उत्पादक देश ब्राजील है, जहां प्रति वर्ष 3,019,051 टन कॉफी उत्पादन किया जाता है। इसके बाद वियतनाम 1,460,800 टन उत्पादन के साथ दूसरे स्थान पर आता है। इंडोनेशिया भी काफी उत्पादन के मामले में शीर्ष पांच देशों में है। यहां पर 6,39,305 टन कॉफी प्रति वर्ष उत्पादित की जाती है।
शीर्ष 10 कॉफी खपत वाले देश
देश खपत प्रति वर्ष
1. फिनलैंड : 12 किलोग्राम/व्यक्ति
2. नॉर्वे : 9.9 किलोग्राम/व्यक्ति
3. आइसलैंड : 9 किलोग्राम/ व्यक्ति
4. डेनमार्क : 8.7 किलोग्राम/व्यक्ति
5. नीदरलैंड्स : 8.4 किलोग्राम/व्यक्ति
6. स्वीडन : 8.2 किलोग्राम/व्यक्ति
7. स्विट्ज़रलैंड : 7.9 किलोग्राम/व्यक्ति
8. बेल्जियम : 6.8 किलोग्राम/व्यक्ति
9. लक्समबर्ग : 6.5 किलोग्राम/व्यक्ति
10. कनाडा : 6.2 किलोग्राम/व्यक्ति