Health care tips: हाल ही में खबर आई कि अभिनेत्री हिना खान को स्टेज तीन का ब्रेस्ट कैंसर है। इस खबर ने फिर से भारत के लोगों का ध्यान इस गंभीर बीमारी की ओर खींचा है। हालांकि, इससे पहले भी इस बीमारी की चपेट में बड़े-बड़े नाम आ चुके हैं। लेकिन बात यहीं तक सीमित नहीं है। इसमें भारत की करीब आधी आबादी शामिल है। अध्ययन बताते हैं कि भारत में हर 28 में से 1 महिला को ब्रेस्ट कैंसर है। अध्ययनों की मानें तो हर चौथे मिनट में एक भारतीय महिला में ब्रेस्ट कैंसर का पता चल रहा है। भारत में सभी तरह के कैंसर के मामलों में ब्रेस्ट कैंसर के मामले 14 प्रतिशत हैं और यह महिलाओं में होने वाला सबसे आम कैंसर है। कैंसर शब्द अपने आप में बेहद डरावना है, लेकिन ऐसे मामलों में उम्मीद की किरण बुझी नहीं है। ब्रेस्ट कैंसर की पहचान शुरुआती लक्षणों से की जा सकती है और अगर इसका पता पहली या दूसरी Stage में चल जाए तो महिला की जान पूरी तरह सुरक्षित रहती है। समय रहते सही इलाज की मदद से महिला अपनी सामान्य जिंदगी जी सकती है। आइए जानते हैं ब्रेस्ट कैंसर के किन लक्षणों पर ध्यान देने की जरूरत है:
स्तन में गांठ
अगर आपको स्तन या स्तन के आसपास के क्षेत्र और बगल में गांठ महसूस होती है, तो आपको इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह सच है कि हर गांठ कैंसर नहीं होती है, लेकिन अगर स्तन में गांठ है तो उसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। कैंसर की गांठ आमतौर पर बिना दर्द वाली होती है। लेकिन इनके बढ़ने के साथ दर्द महसूस हो सकता है।
निप्पल से रिसाव
मां बनने के बाद निप्पल से दूध निकलना सामान्य है, लेकिन अगर आप नई मां नहीं हैं और फिर भी निप्पल से रिसाव हो रहा है तो आपको सचेत हो जाना चाहिए। यह रिसाव कई अलग-अलग रंगों का हो सकता है। कभी-कभी निप्पल से खून का भी रिसाव होता है। ऐसे लक्षण को कैंसर का लक्षण माना जाता है, इसलिए रिसाव होने पर चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें।
स्तन या निप्पल का आकार बदलना
हमें अपने स्तन के आकार के बारे में बेहतर पता होता है। दोनों स्तनों के आकार में हल्का फर्क होना सामान्य है। लेकिन अगर आपको एक स्तन तुलनात्मक तौर पर ज्यादा असामान्य नजर आ रहा है, तो यह कैंसर का लक्षण हो सकता है। इसके अलावा स्तन की त्वचा का लाल होना, उसमें खुजली होना या स्तन र्में डिंपल या गड्ढे पड़ना स्तन कैंसर का लक्षण होता है। वहीं, आपको अपनी निप्पल पर भी गौर करना चाहिए। अगर निप्पल अंदर की ओर धस रही है तो आपको लापरवाही नहीं करनी चाहिए।
कौन है खतरे में?
स्तन कैंसर विश्व भर की महिलाओं को बड़ी तादाद में चपेट में ले रहा है। पहले इसका खतरा 40 की उम्र के बाद की महिलाओं को ज्यादा होता था। लेकिन अब 24 जैसी कम उम्र के मामले भी आम होते जा रहे हैं। सामान्य तौर पर अगर आपकी उम्र 29 साल हो चुकी है तो आपको अपने स्तन का परीक्षण खुद से ही करते रहना चाहिए। अगर महिला के परिवार में स्तन कैंसर का इतिहास रहा है, तो कुछ खास प्रकार के स्तन कैंसर के होने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में महिलाओं को 30 की उम्र के बाद साल में एक बार मेमोग्राफी करवाते रहना चाहिए।
क्या हो सकते हैं कारण?
कई तरह के कैंसर की तरह ही स्तन कैंसर का कारण भी अभी तक स्पष्ट नहीं हैं। न ही यह स्पष्ट है कि यह इतनी तेजी से पैर क्यों पसार रहा है। लेकिन कुछ बातें इसके होने की आशंका को बढ़ा सकती हैं। यह वैज्ञानिक तौर पर पाया गया है कि खराब जीवनशैली, अस्वस्थ भोजन और तनाव कैंसर को बढ़ावा देते हैं। इसके साथ ही हेयर ट्रीटमेंट में इस्तेमाल किए जाने वाले केमिकल, सौंदर्य प्रसाधनों और डिओडोरेंट में पाए जाने वाले कुछ घातक केमिकल भी इस तरह के कैंसर को बढ़ावा देते हैं।
घबराएं नहीं
समय रहते स्तन कैंसर को आसानी से मात दी जा सकती है। ऐसी स्थिति में आपकी मनोदशा आपका साथ देती है। स्तन कैंसर के मामले में आपको घबराने की नहीं बल्कि हिम्मत से सही कदम उठाने की जरूरत है। पहली और दूसरी स्टेज में पाया जाने वाला कैंसर 100 फीसदी ठीक किया जा सकता है। इसकी जांच में मेमोग्राफी, MRI, एफएमसीजी और कुछ खून की जांच शामिल हैं। लेकिन आप घर पर ही इसके शुरुआती लक्षणों को परख सकती हैं। पीरियड के सातवें दिन आपको आइने में अपने स्तन को गौर से देखना चाहिए। इसके साथ ही एक हाथ ऊपर करके दूसरे हाथ से स्तन पर गोलाकार घुमाते हुए यह टटोलना चाहिए कि कहीं कोई गांठ तो नहीं बन रही है। आपकी सजगता आपको एक बड़ी मुसीबत से समय रहते बचा सकती है।