टेडी-टेडी खेल रहे लड़का-लड़की, अब भालू को इंतजार है ब्रेकअप डे का
वैलेंटाइन वीक यानी मूरख सप्ताह का आज सबसे मूरख डे है- टेडीबियर डे
वैलेंटाइन वीक यानी मूरख सप्ताह का आज सबसे मूरख डे है- टेडीबियर डे. लड़के लड़कियों को टेडीबियर गिफ्ट कर रहे हैं. लड़कियां टेडीबियर लेकर इतरा रही हैं. ऑनलाइन पोर्टल बता रहे हैं कि लड़की को इंप्रेस करने के लिए कैसे करें टेडीबियर गिफ्ट. ये आर्टिकल आपके टेडीबियर के बारे में जनरल नॉलेज को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का हुनर रखते हैं, जो बता रहे हैं कि किस रंग के टेडी देने का क्या मतलब होता है. लड़कों को यकीन है कि लड़कियां इतनी मूर्ख होती हैं कि टेडीबियर से इंप्रेस हो जाती हैं और लड़कियों को उन्हें इतना मूर्ख समझे जाने से कोई दिक्कत नहीं क्योंकि वो सचमुच टेडी को गले से चिपकाकर मेरा शोना, मेरा बाबू किए जा रही रही हैं. लड़के को चूमने में संकोच हो सकता है तो टेडी को भिगोकर चूमने के सारे अरमान पूरे कर रही हैं.
लड़का दूर से निहारते हुए सोच रहा है, काश कि वो टेडीबियर होता. जैसे कालिदास की अभिज्ञान शाकुंतलम में राजा दुष्यंत सोचते हैं कि काश कि वो भंवरा होते, जो शकुंतला के गालों पर जाकर बैठ गया है. ये बात अलग है कि शकुंतला को आय लव यू बोलकर, उसके साथ मिलन करके और उसे प्रेग्नेंट करके जो राजा साहब फरार हुए तो राजमहल में उनसे मिलने आई शकुंतला को पहचानने तक से इनकार कर दिया था. दुष्यंत और शकुंतला की कहानी तो पढ़ी ही होगी और भरत की भी, जिसके नाम पर इस देश का नाम भारत पड़ा.
खैर, असली कहानियां छोड़कर आजकल हम बस यही कहानी पढ़ने में बिजी हैं कि सलमान खान ने सिक्स पैक्स कैसे बनाए या कंगना रनौत ने कौन सा नया राष्ट्रवादी शिगूफा छोड़ा है.
खैर, टेडी पर लौटते हैं. लड़का-लड़की टेडी-टेडी खेल रहे हैं और इन सबके बीच टेडी बेचारा सोच रहा है कि इनके प्यार-मुहब्बत के ड्रामे में मैं बीच में क्या कर रहा हूं. लड़की अभी इतरा रही है तो मुझे पप्पियों से गीला कर रखा है. कल को ब्रेकअप होगा तो मुझे एक लात मारेगी और मैं सीधा पलंग के आखिरी कोने में पड़ा मिलूंगा- धूल-मिट्टी में सना हुआ. मैं इस लड़की के प्यार का पंचिंग बैग हूं. लड़के से नाराज हुई तो दो लात मुझे लगाएगी.
टेडी जानता है कि वो क्यूट है. लेकिन यकीन मानिए कि इतना यकीन तो टेडी को भी नहीं कि जवानी के प्रेम के साथ उसका कोई भी डायरेक्ट या इनडायरेक्ट कनेक्शन है. टेडी बच्चों की कहानियों का हीरो है. उनका मस्तमौला, हरफनमौला दोस्त, शहद पीकर धूप सेंकने और बीच नदी में लोटने वाला दोस्त. बालू मोगली का आलसी यार और विन्नी द पू, पिगलेट का प्यार.
वैसे तो ये पूरा हफ्ता ही जिस हिसाब से प्यार को रोज, चॉकलेट, प्रपोज, हग, किस डे के गुणा-भाग में बांटकर जिंदगी भर के प्यार को एक साप्ताहिक आयोजन में बदल चुका है, उसे देखकर किसी भी समझदार व्यक्ति की कलेजा मुंह को आ सकता है. बाजार नचा रहा है और हम नाच रहे हैं. यूं ही नहीं वैलेंटाइन डे का मार्केट 1200 करोड़ रु. तक पहुंच चुका है. एक हफ्ते में लोग वैलेंटाइन डे के नाम अपनी जेब से 1200 करोड़ रु. खर्च करके प्यार का इजहार कर रहे हैं.
और इन सबके बीच फंसा है बेचारा टेडी. टेडी की ये ट्रेजडी ज्यादा बड़ी इसलिए भी लग रही है क्योंकि टेडी ऐतिहासिक रूप से कहानियों का सबसे प्यार कैरेक्टर रहा है. बच्चों की कोई भी कहानी उठाकर देख लीजिए, टेडी किसी कहानी में विलेन नहीं है. शेर, चीता, बिल्ली, कुत्ता, भेडि़या, सांप, सब किसी-न-किसी कहानी में विलेन में, लेकिन भालू हमेशा सबसे भरोसेमंद दोस्त है.
फिलहाल मार्केट की लिखी इस लव स्टोरी में भालू उतना ही रेलेवेंट है, जितना अमरीकियों के लिए नाग पंचमी.
हिंदी सिनेमा के आइटम सांग की तरह इस लव स्टोरी बीच में ठूंस दिया गया अभी शोना-बाबू बना भालू अब ब्रेकअप डे का इंतजार कर रहा है.