टैटू बनवाने से पहले एक बार उसके नुकसानों के बारें में जरुर जान ले
बारें में जरुर जान ले
गर्ल्स हो या फिर बॉयज टैटू गुदवाने की इच्छा हर कोई रखता हैं चाहे वो कम उम्र में हो या फिर बढ़ती उम्र में टैटू का चलन इन दिनों बहुत होने लगा हैं वही टैटू से लोगों की लाइफस्टाइल में भी बदलाव आता हैं। शरीर के लगभग हर भाग में टैटू बनाना आजकल युवाओं में काफी कॉमन हो गया है, लेकिन इनसे होने वाली परेशानियों के बारे में आज तक आपको नहीं पता होगा। ये ना केवल आपकी त्वचा में एलर्जी होने का खतरा बढ़ा देते हैं बल्कि कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकते हैं। तो आइए आपको बताते हैं कि टैटू बनवाने से किस तरह की परेशानियां सामने आती हैं।
त्वचा से जुड़ी परेशानियां :
टैटू आजकल लगभग हर कोई बना रहा है, लेकिन इस तरह के टैटू से कई तरह की गंभीर समस्या आपके सामने आ सकती है। इससे त्वचा में लालिमा, मवाद, सूजन जैसी कई तरह की स्याई तथा सुई से होने वाली कठिनाई :
जब हम टैटू बनाने की शॉप पर जाते हैं तो देखते हैं की कई बार टैटू बनाने वाले एक ही सुई का उपयोग सभी पर करते हैं। ऐसा करने से कई संक्रमण वाली बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है। जैसे हैपेटाइटिस और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियां हो सकती है। इसलिए हमेशा इस संभावना से बचें।
चर्म रोग और कैंसर :
टैटू बनवाते समय लोग एक मिनट भी नहीं सोचते है कि इससे सोराइसिस जैसी बीमारी होने का खतरा होता है।एक व्यक्ति का नीडल दूसरे व्यक्ति पर इस्तेमाल करने से चर्म रोग, हेपेटाइटिस और एचआईवी जैसी संक्रमित बीमारियां होने का खतरा है। टैटू बनवाने से त्वचा कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। शरीर पर तरह-तरह के टैटू बनवाने का चलन युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है।
विषैले पदार्थ :
टैटू बनाने के लिए प्रयोग की जाने वाली स्याही में कई प्रकार के विषैले तत्वों का मिश्रण उपयोग होता है जिनसे त्वचा को कैंसर का खतरा होता है। टैटू निर्माताओं द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली नीले रंग की स्याही में कोबाल्ट और एल्यूमिनियम पाया जाता है जबकि लाल रंग की स्याही में मरक्यूरियल सल्फाइड और दूसरे रंगों की स्याहियों में शीशा, कैडियम, क्रोमियम, निकल, टाइटेनियम और कई तरह की दूसरी धातुएं घुली होती हैं जो त्वचा को घटक रूप से खराब कर देती हैं।
मांसपेशियों को नुकसान :
बहुत से युवा त्वचा को टैटू से होने वाले नुकसान को समझ नहीं पाते हैं। कुछ डिजाइनों में टैटू उकेरने वाली सूईयों को शरीर में गहरा चुभाया जाता है, जिससे मांसपेशियों तक को नुकसान पहुंचता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि शरीर पर तिल वाले स्थान पर टैटू नहीं बनवाना चाहिए।