बरसात के मौसम रहे बिल्कुल स्वस्थ, रसोई के ये 7 मसाले आएंगे आपके काम

बरसात का मौसम हमें चिलचिलाती गर्मी से राहत देता है।

Update: 2021-08-12 09:20 GMT

बरसात का मौसम हमें चिलचिलाती गर्मी से राहत देता है। लेकिन इस मौसम में बीमार होने की संभावना भी काफी बढ़ जाती है। हालांकि, फ्लू, गले में खराश, सामान्य सर्दी-खांसी, और पेट खराब होने जैसी स्वास्थ्य समस्याएं इस मौसम में अधिक होती हैं। यह सब कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण होता है। नम वातावरण से हवा, भोजन और पानी में बैक्टीरिया पनपते है, जिससे समस्या और भी बढ़ जाती है।

बरसात के मौसम में स्वस्थ रहने के लिए जितना हो सके अपनी इम्यूनिटी को मजबूत करना जरूरी है। उचित पोषक तत्व खाने से न केवल आप फिट रह सकते हैं बल्कि आपका इम्यून सिस्टम भी हेल्दी रहेगा। हमने उन भारतीय मसालों की एक लिस्ट तैयार की है जिन्हें स्वस्थ रहने के लिए मानसून के दौरान अपने आहार में शामिल करना चाहिए।
​हल्दी
हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और इम्युनिटी-बूस्टिंग गुण पाए जाते हैं। हल्दी में पाया जाने वाला बायोएक्टिव केमिकल करक्यूमिन बहुत फायदेमंद है।
कई मेडिकल स्टडी के अनुसार, हल्दी इम्यूनिटी को बढ़ाती है और शरीर को बीमारियों से बचाती है। आयुर्वेद में हल्दी का इस्तेमाल वात और पित्त दोष को संतुलित करने के लिए किया जाता है। बरसात के मौसम में यह बीमारियों से दूर रखने में मदद करती है।
​सौंफ
यह एक सुगंधित मसाला है जिसे आमतौर पर भोजन के बाद माउथ रिफ्रेशर के रूप में खाया जाता है। इस साधारण मसाले में एक्टिव केमिकल होते हैं जो पाचन में सहायता करते हैं, गैस से राहत देते हैं और अपच को रोकते हैं। सौंफ का सेवन भोजन के बाद, या भोजन में मिलाकर भी किया जा सकता है।
​जीरा
जीरा लीवर से पाचन एंजाइमों और पित्त के स्राव को बढ़ाकर पाचन को उत्तेजित करता है। इसमें फाइटोकेमिकल कंपोनेंट होते हैं, जो मजबूत एंटीऑक्सिडेंट हैं। मानसून के दौरान जीरे का सेवन करने से बीमारियों से बचाव होता है।
​अजवाइन
अजवाइन पाचन में प्रभावी है। अजवाइन के एसेंशियल ऑयल, बायो एक्टिव केमिकल, और खनिज मतली और पेट की परेशानी से राहत दिलाने में मदद करते हैं, ये दोनों ही कमजोर पाचन तंत्र के लक्षण हैं। अजवाइन का पानी पीने से आपकी पाचन क्रिया में सुधार होता है।
​अदरक
अदरक मानसून के मौसम में अक्सर होने वाले खांसी और सर्दी से राहत देता है। यह गले में खराश दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है और इम्यूनिटी को भी बढ़ाता है। अदरक एक प्राकृतिक एक्सपेक्टोरेंट है, यानी यह ऊतकों को आराम देकर फेफड़ों में बलगम को कम करता है। इसके अलावा, अदरक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम को भी मजबूत करता है, जिससे बीमारियों से बचाव होता है।
​हींग
इसका इस्तेमाल विभिन्न भारतीय व्यंजनों में स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। यह पाचन क्रिया बेहतर करता है और पेट फूलने की समस्या को दूर रखता है। यह पेट के दर्द में भी प्रभावी करता है। हींग में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीवायरल और एंटीफंगल गुण होते हैं। मानसून के मौसम में हींग खाने से बारिश के मौसम में होने वाली बीमारियों से बचाव होता है।
​काली मिर्च
काली मिर्च में कार्मिनेटिव गुण होते हैं जो आंतों की गैस और अन्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं से राहत देते हैं। इसमें न केवल एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-बैक्टीरियल और बुखार कम करने वाले गुण होते हैं, बल्कि यह इम्यून सिस्टम को भी बूस्ट करता है। काली मिर्च का इस्तेमाल अंडे, सैंडविच, करी, सूप, सलाद, काढ़ा और अन्य व्यंजनों में किया जा सकता है। आप इसे अपनी मसाला चाय में भी शामिल कर सकते हैं।
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