हाई यूरिक एसिड की समस्या में अश्वगंधा भी है रामबाण, जानें कैसे करना है इसका इस्तेमाल
शरीर में हाय यूरिक एसिड लेवल को हाइपरयूरिसीमिया (Hyperuricemia) कहा जाता है. इसके कारण गठिया हो सकता है. गठिया वो कंडिशन है जो जोड़ों में दर्द, सूजन और कई अन्य समस्याओं का कारण बन सकती है. इस समस्या से राहत पाने के लिए रोगी के लिए अल्टेरनेटिव मेडिसिन और लाइफस्टाइल चेंजेज जरूरी हैं. आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट्स का भी इसमें इस्तेमाल किया जा सकता है, जो नेचर में हर्बल होता है. अश्वगंधा एक ऐसी औषधि है, जिसके ढेरों फायदे हैं. बढ़े यूरिक एसिड को कम करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.
बढ़े हुए यूरिक एसिड को कम करने के लिए अश्वगंधा
हेल्थलाइन के अनुसार हाइपरयूरिसीमिया (Hyperuricemia) से पीड़ित कई लोगों को अल्टरनेटिव मेडिसिन और जीवनशैली में बदलाव से ही फायदा हो जाता है. अल्टरनेटिव मेडिसिन में आयुर्वेदा शामिल है. अश्वगंधा को आयुर्वेदा में बहुत फायदेमंद औषधि माना गया है. इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जिससे शरीर का दर्द और सूजन काफी हद तक कम हो सकते हैं.
बढे हुए यूरिक एसिड को कम करने के लिए भी इसका इस्तेमाल करना लाभदायक है. इससे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा कम होती है. इसके अलावा भी इस औषधि का इस्तेमाल वजन कम करने, ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने और कमजोरी दूर करने में भी किया जा सकता है.
कैसे करना चाहिए अश्वगंधा का इस्तेमाल?
हाय यूरिक एसिड लेवल को कम करने के लिए अश्वगंधा का प्रयोग कई तरीके से किया जा सकता है. इसके पाउडर को आप शहद के साथ ले सकते हैं. इसके साथ ही इसके एक चम्मच पाउडर को आप सोने से पहले दूध में मिलकर भी पी सकते हैं. लेकिन, इसे कितनी मात्रा में लेना है और किस तरीके से इसका सेवन करना है, इस बारे में डॉक्टर से सलाह ले लें. क्योंकि, अधिक मात्रा में इसका सेवन करना हेल्थ के लिए हानिकारक हो सकता है.
यूरिक एसिड के बढ़ने पर रोगी को अपने आहार और जीवनशैली में बदलाव करना बेहद जरूरी है. आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट्स को ट्राय करने से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट से अवश्य बात करें.